J&K: अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का निधन, कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं बंद
J&K: बुधवार को पूर्व हुर्रियत नेता सैयद अली शाह गिलानी का निधन हो गया। गिलानी का उम्र 91 साल थी। घाटी में प्रशासन ने एहतियातन सुरक्षा व्यवस्था को सख्त करते हुए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं।
कश्मीर (J&K) के इंस्पेक्टर जनरल विजय कुमार ने इसकी जानकारी दी। गिलानी कई सालों से सोपोर के बोम्मई के रहने वाले श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र हैदरपोरा में रह रहे थे। वह हार्ट, शुगर, किडनी समेत कई बीमारियों से पीड़ित थे।
पाकिस्तान में झुका रहेगा झंडा
पाकिस्तानी के गिलानी के निधन पर पीएम इमरान खान ने दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘एक दिन का शोक पाकिस्तान में रहेगा और झंडे को आधा झुका दिया जाएगा।’
जम्मू कश्मीर विधानसभा के सदस्य भी कश्मीर के जमात-ए-इस्लामी मजबूत स्तंभों में गिने जाने वाले गिलानी रह चुके हैं। अल्ताफ शाह टेरर फंडिंग में उनका सबसे बड़ा दामाद तिहाड़ जेल में बंद है। हुर्रियत कांफ्रेंस और मुस्लिम यूनाइटेड फ्रंट आफ कश्मीर के गठन में अहम भूमिका निभाने वाले गिलानी ने अल्लामा इकबाल पर भी किताब लिखी थी। इस्लाम व अलगाववाद से जुड़े विषयों पर चार किताबें लिखी थीं।
सोपोर में जन्मे गिलानी ने 29 सितंबर 1929 से कई सालों तक हुर्रियत की अध्यक्षता की। जून में इसी साल गिलानी ने आल पार्टी हुर्रियत कान्फ्रेंस (APHC) से इस्तीफा दिया था। हाल में ही उन्हें जुर्माने 14.4 लाख रुपये के भुगतान को लेकर रिमाइंडर नोटिस भेजा गया था। उनपर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा FEMA के तहत यह जुर्माना लगाया गया था। बता दें कि गिलानी सोपोर से 1972, 1977 और 1987 में चुने गए थे।
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