
J&K: आर्टिकल 370 हटने के बाद अब शाही दामादों को मिल रहा है ससुराल में पूरा मान
J&K: बेटी से शादी करने वाले दूसरे राज्यों के पतियों को डोमिसाइल का हक मिलने से आम लोग खुश हैं, वहीं वो लोग भी जाहिर तौर पर खुश हुए होंगे, जो आर्टिकल 370 और 35A के हटने पर अपनी नाखुशी दिखते रहते हैं।
भले ही वह जम्मू-कश्मीर (J&K) में अब्दुल्ला परिवार हो या मुफ्ती खानदान। पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी राहत की सांस ली होगी। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नाती की भी अब ससुराल में वैसी ही धमक होगी। हालांकि यह दिग्गज परिवार फैसले पर अभी चुप्पी साधे हैं।
आर्टिकल 370 और 35A के कारण जम्मू कश्मीर की कोई भी महिला जब प्रदेश के बाहर के किसी नागरिक से शादी करती थी तो जम्मू कश्मीर में वह अपनी संपत्ति का हक गंवा देती थी। न वह और न उसका पति जम्मू कश्मीर में अपने नाम पर कोइ जमीन जायदाद नहीं खरीद सकता था।
वह स्थायी तौर पर नहीं बस सकता था। उनके बच्चे भी जम्मू कश्मीर में जमीन के मालिक नहीं हो सकते थे, कोई सरकारी नौकरी नहीं कर सकते थे।
5 अगस्त 2019 के बाद यह स्थिति बदली, लेकिन जम्मू कश्मीर से बाहर शादी करने वाली स्थानीय लड़की के पति को डोमिसाइल तभी मिलता जब वह 15 साल तक जम्मू कश्मीर मे रहता या शादी को हुए 15 साल बीते होते। नेशनल कांफ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) व उन जैसे कई अन्य दल पांच अगस्त 2019 को पारित जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम का लगातार विरोध करते रहें हैं।
इसी अधिनियम के कारण जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 35A समाप्त हुआ है और डोमिसाइल की व्यवस्था भी लागू हुई है। हालांकि शिक्षा और रोजगार की चाह में राज्य से बाहर बसी हजारों बेटियों को तो हक मिल गया पर अपना परिवार अलग हो जा रहा था।