झारखंड का कुख्यात अपराधी सुकर ओराव गोली मारकर हत्या
रांची: घाघरा थाना क्षेत्र के लवदाग गांव के पास जंगल में शनिवार दोपहर करीब 12 बजे जेजेएमपी के कुख्यात उग्रवादी प्लाटून कमांडर सुकर ओराव की आम के पेड़ के नीचे गोली मारकर हत्या कर दी गयी। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गुमला अस्पताल भेज दिया है। पुलिस ने तीन मोबाइल फोन और रुपये बरामद किए हैं। ग्रामीणों के मुताबिक पिछले दस दिनों से इलाके में जेजेएमपी के नक्सली सक्रिय हैं। बीती रात आतंकियों ने ग्रामीणों से खाना मांगने के लिए लवदाग के पास खाना खाया और शाम को गांव से निकल गए। रात करीब 12 बजे अचानक गोली चलने की आवाज आई। रात होने के कारण ग्रामीण घर से बाहर नहीं निकले। सुबह जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो देखा कि एक युवक मरा हुआ है।
इसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी। एसपी मनीष कुमार, एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल, निरीक्षक श्यामानंद मंडल के अलावा कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जांच शुरू की। इस बीच, शव की पहचान सुकर ओराव के रूप में हुई। सुकर ने 2016 में माओवादी संगठन छोड़ दिया और जेजेएमपी में शामिल हो गए। तब से लेकर अब तक माओवादियों और जेजेएमपी के उग्रवादियों के बीच कई बार झड़पें हो चुकी हैं। जिसमें कई माओवादी भी मारे गए। सुकर का नाम घाघरा थाना क्षेत्र के इच्छा हाट टोली में माओवादी जेजेएमपी मुठभेड़ के बाद क्षेत्र में आया था। हत्या किसने की, जांच जारी है एसडीपीओ मनीष चंद्र लाल व निरीक्षक श्यामानंद मंडल ने बताया कि मृतक का नाम जेजेएमपी का नक्सली सुकर ओराव था।
सुकर को इंसास और एसएलआर हथियारों से मारा गया है। हत्या कैसे हुई, इसकी जांच जेजेएमपी में विवाद के चलते की गई। सुकर की हत्या के बाद से इलाके के नागरिकों को राहत मिलने लगी है। पुलिस ने मौके से तीन मोबाइल फोन, 3200 रुपये नकद और एक चाकू बरामद किया है। पुलिस ने उस जगह से करीब 10 इंसास और एसएलआर हथियार, कंबल और शादी के कंबल बरामद किए हैं जहां आतंकवादी सो रहे थे। यह हिस्सा पहले से ही माओवादियों के कब्जे में था। जिस इलाके में यह घटना हुई वह पहले माओवादियों के नियंत्रण में था।
इलाके में माओवादियों के साथ रहे सुकर ओराव इलाके में अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे। इसलिए इस क्षेत्र में वह अपनी पूरी टीम के साथ लगातार सहज रहते थे। माओवादियों का गढ़ होने के कारण पुलिस भी इस घटना को लेकर हाई अलर्ट पर है। वहीं बम प्लांट होने के डर से सुकर का शव बांस के लंबे डंडे से कांप रहा था, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की गई। जेजेएमपी के संस्थापक सदस्य प्लाटून कमांडर संजय यादव 2012 से संगठन से गायब हैं। संजय के परिवार वाले बार-बार पुलिस को बता चुके हैं कि उसकी हत्या की गई है। संजय यादव संगठन में काफी चर्चित आतंकी बन गया था, जिसके बाद उसके अचानक लापता होने और सुकर की हत्या को भी इलाके के लोग जोड़ रहे हैं। सुकर का संगठन में बड़ा स्थान था।