
झारखंड एटीएस (ATS) ने नक्सलियों को हथियार कर रहे जवान को किया गिरफ्तार
झारखंड एटीएस ने जम्मू-कश्मीर में तैनात सीआरपीएफ के एक जवान को रांची से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार जवान पर अपराधियों और नक्सलियों को हथियार सप्लाई करने का आरोप है। उसके पास से भारी मात्रा में कारतूस बरामद किया गया है। भाकपा (माओवादी) नेता प्रशांत बोस उर्फ किशन दा की गिरफ्तारी का असर अब राज्य में दिखने लगा है। झारखंड एटीएस ने इसी कड़ी में नक्सलियों को हथियार और गोला-बारूद सप्लाई करने वाले हैंडलर को गिरफ्तार किया है, सप्लायर कोई और नहीं बल्कि सीआरपीएफ का जवान है जो नक्सलियों को हथियार सप्लाई करता था।
बिहार के रहने वाले हैं तीनो अपराधी
आरोपी की पहचान अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा के रूप में हुई है। उन्हें अब कानून का रक्षक नहीं, बल्कि भक्षक कहा जाता है। क्योंकि नक्सलियों को हथियार सप्लाई करने में उनकी अहम भूमिका थी। उनके साथ ऋषि कुमार और पंकज कुमार सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है। तीनों आरोपी बिहार के रहने वाले हैं। मुख्य आरोपी अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा पुलवामा में सीआरपीएफ की 182 बटालियन में तैनात था। हालांकि वह 4 महीने से फरार है। 2017 से वह पुलवामा में तैनात हैं। इससे पहले अविनाश भी लातेहार में तैनात थे।
एटीएस द्वारा गिरफ्तार एक अन्य आरोपी ऋषि कुमार रांची के हटिया में रहने के दौरान कंस्ट्रक्शन वर्कर का काम करता था। उन्होंने दो ठेकेदारों संजय कुमार सिंह और मुजाहिद का भी नाम लिया। एटीएस अब उनकी भी तलाश कर रही है। तीसरा आरोपी पंकज कुमार सिंह मुजफ्फरपुर के सकरा थाना क्षेत्र का रहने वाला है। लेकिन फिलहाल वह धनबाद के भूली इलाके में रह रहा था और कोयले का कारोबार कर रहा था।
राइफल व कई हथियार बरामद
तीनों आरोपियों के पास से 450 राउंड इंसास राइफल बरामद की गई है। मामले की जानकारी देते हुए एटीएस के एसपी प्रशांत आनंद ने बताया कि भाकपा माओवादियों और आपराधिक संगठनों को हथियारों की आपूर्ति कर रही थी। वह गया जेल में माओवादियों के अलावा अमन साव, हरेंद्र यादव और लल्लू खान शेरघाटी को हथियार सप्लाई करता था। तीनों आरोपियों ने संचार के लिए टेलीग्राम और व्हाट्सएप का इस्तेमाल किया। यहीं से इनका अवैध धंधा शुरू होता है।