Jammu-Kashmir: बिजली कटौती से डगमगा रहा उद्योग, रोज हो रही उत्पादन में कमी
Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर में जहां एक ओर भीषण गर्मी से लोगों की हालत खराब है वहीं प्रदेश में दिन-रात हो रही बिजली कटौती से आम आदमी बेहाल है, वहीं जम्मू का उद्योग भी पूरी तरह से ठप पड़ गया है।
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) लगभग एक महीने में बिना किसी सूचना के बिजली की कटौती से औद्योगिक क्षेत्र में उत्पादन बुरी तरह से डगमगा गया है। इस कटौती से उद्योगपतियों को रोजाना लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है। जो औद्योगिक उत्पादन पूरी तरह से बिजली की सप्लाई पर निर्भर है ।
रोजाना उद्योग कच्चा माल खराब हो रहा है जिससे ऐसी इकाईयों को अच्छे-खासे नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। दिन भर में कई बार बिजली जाने से परेशान कई औद्योगिक इकाईयों ने अब रात के समय काम करना शुरू किया है क्योंकि दिन की तुलना में रात को कुछ कम कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
जम्मू-कश्मीर औद्योगिक नीति के तहत सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों को 24 घंटे बिना कटौती के बिजली देने का वादा किया है मगर ऐसा संभव नहीं हो पा रहा। एक तरफ सरकार जहां बाहरी राज्यों से निवेश को बढ़ावा देने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही है ।
बिजली विभाग के गैर-जिम्मेदारा रवैये से मौजूदा उद्योग भी को भी भारी नुकसान झेल रहा है। घोषित व अघोषित इस कटौती से उत्पादन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है और पहले से ही मंदी की मार झेल रहे उद्योगपतियों को लाखों का घाटा हो रहा है।
सबसे ज्यादा नुकसान बड़ी ब्राह्मणा में स्टील व प्लास्टिक उत्पाद बनाने वाली इकाईयों को उठाना पड़ रहा है जिनमें एक बार भट्ठी बंद होने से कच्चा बर्बाद हो जाता है। बड़ी ब्राह्मणा औद्योगिक क्षेत्र से बिजली विभाग को सालाना 150 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है।
इसके बावजूद उद्योग जगत को बिजली की आर्पूति नहीं हो रही। उद्योग को 24 घंटे बिजली देने की प्रतिबद्धता के बीच रोजाना शाम को दो घंटे की कटौती करने के अलावा दिन भर बिना बताए कटौती का जा रही है।