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शोधगंगा पोर्टल पर थीसिस अपलोड करना अनिवार्य, यूजीसी ने जारी कि अधिसूचना
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने राज्यों और विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है। जिसमें देश के सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और उच्च शिक्षण संस्थानों को पीएचडी छात्रों का ब्यौरा और उनकी थीसिस शोधगंगा पोर्टल पर अपलोड करने को अनिवार्य बताया है।
उल्लघंन करने पर एनआईआरएफ से होंगे बाहर
पत्र में दिए गए आदेश के मुताबिक, अगर कोई उच्च शिक्षण संस्थान नियमों का उल्लंघन करता है तो फिर उसे नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क 2023 से बाहर कर दिया जाएगा। दरअसल एनआईआरएफ रैंकिंग 2023 के लिए साल 2019, 2020 और 2021 में ग्रेजुएशन से पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या का डेटा राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनबीए) रैंकिंग के आवंटन में करेगा।
प्रामाणिक डाटा मिलने में मिलेगी सुविधा
आयोग के मुताबिक, शोधकर्ताओं के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। दरअसल 2019 के बाद से कई संस्थानों ने थीसिस अपलोड नहीं किए है। जबकि साल 2019, 2020 और 2021 में ग्रेजुएशन के बाद पीएचडी करने वाले छात्रों की संख्या का डाटा एनबीए भारत रैंकिंग 2023 कर लिया जाएगा। ग्रेजुएशन के बाद पीएचडी करने वाले छात्रों के शोध और शोध कार्यों के कलेक्शन, शोधगंगा में अपलोड करने से संख्या पर प्रामाणिक डाटा प्राप्त करने में सुविधा मिलेगी।