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क्या कोरोना की तीसरी लहर के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है ?

देश में कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने काफी कोहराम मचाया था हालांकि अब मामलों में धीरे-धीरे गिरावट देखने को मिल रही है, राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के कई सकारात्मक असर देखने को मिल रहे हैं लेकिन संक्रमण अभी पूरी तरह से देश से गया नहीं है, ऐसे में कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर की खबरें लोगों को और भयभीत कर रही हैं मौजूदा समय में भारत जिन विकट परिस्थितियों से जूझ रहा है वह संभव था इस पूरी सदी का सबसे खतरनाक और भयानक काल साबित होगा.

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Is India fully prepared

लेकिन ऐसे में एक सवाल सबके मन में उत्पन्न होता देखा जा रहा है कि क्या भारत तीसरी लहर से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है? क्या भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में तीसरी लहराते आते सुधार हो जाएगा? क्या भारत की सरकार संक्रमण की तीसरी लहर को काबू करने में सफल होगी? वह भी ऐसे में जब देश में अभी दूसरी ही लहर का खतरा खत्म ना हुआ हो.

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जहां एक तरफ कोरोना वायरस संक्रमण कम हो रहा है वही ब्लैक फंगस नामक बीमारी को कई राज्यों ने महामारी घोषित कर दी है तो क्या ऐसा होगा कि ब्लैक फंगस और कोरोना की तीसरी लहर भारत की अर्थव्यवस्था को एक साथ चोट पहुंचाएगी?

कब आएगी कोरोना की तीसरी लहर ?

कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर के बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है लेकिन नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंस के पूर्व निर्देशक और मौजूदा केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार डॉ कृष्णस्वामी विजय राघवन ने 5 मई को आशंका व्यक्त की थी कि भारत के अंदर कोरोना वायरस संक्रमण की आ सकती है और इसे बिल्कुल भी टाला नहीं जा सकता है. जानकारी यह भी सामने आई थी कि यह लहर सबसे ज्यादा बच्चों को प्रभावित करेगी.

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उन्होंने इस बात को साफ कहा था की यह कहना काफी मुश्किल साबित होगा कि कोरोना की यह तीसरी लहर कब आएगी और कितना प्रभावित करेगी लेकिन इसके लिए हमें तैयार रहने की जरूरत है उन्होंने यह भी स्पष्ट कि कोविड वैक्सीन मौजूदा वैरीअंट के खिलाफ कामयाब है. आपको इस बात की जानकारी हो कि भारत के साथ साथ कई देशों में इसके नए नए वेरिएंट पाए गए हैं दुनिया भर के वैज्ञानिक अलग-अलग किस्म के व्यंजन का मुकाबला करने की तैयारी कर रहे हैं.

लेकिन यूरोपीय देशों में करुणा की तीसरी लहर के असर को देखते हुए इस बात का अनुमान जरूर लगाया गया है कि भारत में स्त्री लहर का प्रभाव सितंबर के महीने तक देखने को मिल सकता है, डबल म्यूटेंट वाले कोरोना वायरस के दूसरी लहर ने न केवल भारत अपितु पूरे विश्व में खासी तबाही मचाई हुई है। ऐसे में तीसरी लहर की आहट ने समूचे विश्व के शीर्ष स्वास्थ्य संगठनों, सरकारों, प्रशासनिक अमले के साथ ही आम जनमानस को भी गंभीर चिंता में डाल दिया है।

तीसरी लहर से बचा सकता है वैक्सीनेशन

भारत के अंदर तैयार की जा रही वैक्सीन में कई प्रकार के वायरस से लड़ने की क्षमता जताई जा रही है ऐसे में तिलहर से निपटने के लिए देश के हर नागरिक का वैक्सीनेशन होना जरूरी बताया जा रहा है जानकारी की माने तो अगर तीसरी लहर आने से पहले देश के प्रत्येक नागरिक का वैक्सीनेशन पूरा हो जाए तो इस तीसरी लहर से बचना काफी आसान साबित होगा.

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भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी इतना भार नहीं पड़ेगा जितना दूसरी लहर में देखने को मिला वहीं अगर ऑक्सीजन की और वेंटिलेटर बेड की किल्लतओं की बात करें तो भारत में दूसरे लहर के बिगड़े हालातों को देख सरकारों ने ऑक्सीजन प्लांट और वेंटिलेटर बेड की पर्याप्त इंतजाम कर लिए हैं.

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