International Tiger Day : उत्तराखंड में धीरे धीरे बढ़ रही है बाघों की संख्या
उत्तराखंड : देश भर में बाघों की संख्या के मामले में उत्तराखंड तीसरे नंबर पर है। कुछ वर्ष पूर्व तक देश में बाघों की संख्या में गिरावट देखी गई थी। जो की एक चिंता का विषय था।
लेकिन भारत सरकार और फारेस्ट डिपार्टमेंट के प्रयासों के बाद इनकी संख्या में इजाफा हुआ है। तस्कर और शिकार के चलते इनकी संख्या में गिरावट आ रही थी। पर अब काफी हद तक इसमें रोक लगा दी गई है।
2006 में जिम कॉर्बेट उत्तराखंड में बाघों की संख्या 150 थी अब वो बढ़ कर 252 पहुँच चुकी है। जिम कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व को देश का पहला टाइगर रिज़र्व माना जाता है।
सबसे ज्यादा बाघ मध्यप्रदेश में मौजूद है। यहां इनकी संख्या 526 है , दूसरे नंबर पर कर्नाटक है जहां 524 बाघ मौजूद है। वही उत्तराखंड में इनकी तादात 442 है। 2014 के मुकाबले बाघों की संख्या में 102 अंको की वृद्धि हुई है। उत्तराखंड देश का एक मात्र प्रदेश है जहां हर जिले में बाघ पाए जाते है।
देशभर में लगभग पचास प्रतिशत बाघ इन्हीं तीन प्रदेशो में पाए जाते है। भारत में अब बाघों की संख्या 2967 पहुँच चुकी है।
विश्व टाइगर दिवस की शुरुआत 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग में हुई थी। 2022 तक बाघों की संख्या को दुगना करने की बात कही गई थी। भारत ने ये लक्ष्य समय से पहले ही हासिल कर लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज के दिन सभी वन्यजीव प्रेमियों को बधाई दी। ट्वीट कर उन्होंने कहा , ” सभी वन्यजीव प्रेमियों खासतौर पर बाघों के संरक्षण के लिए उत्साहित लोगो को इंटरनेशनल टाइगर डे की शुभकामनाएं। भारत में लगभग दुनिया भर के 70 प्रतिशत बाघ है। हम उनके संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। भारत में 18 राज्यों में लगभग 51 टाइगर रिज़र्व है। 2018 की अंतिम बाघ गणना में इनकी आबादी में वृद्धि देखि गई है। भारत में बाघों की संख्या दुगनी हुई है। ”
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