अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव : रिज मैदान में दिखेगी आजादी की कहानी, जानिए कब से आयोजित होगा ये कार्यक्रम
शिमला : हिमाचल प्रदेश रिज मैदान से माल रोड तक अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव(international literary festival) के कार्यक्रम की भव्य तैयारियां शुरू कर दी है। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए रिज मैदान को सजाया गया है। इसके साथ ही इस कार्यक्रम में अमृत महोत्सव के आधार पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व देश की आजादी में योगदान देने वाले हर महापुरुष की प्रतिमा रिज मैदान लगाई जा रही है. जिनके सेल्फी और तस्वीरें लेने वालों की भीड़ लगी हुई है. ये मुर्तिया क्रांतिकारीयों की संघर्ष की कहानी को बखूबी बयान कर रही है. गेयटी थियेटर व टाउन हाल में भी जो स्थान पड़ा था, उसे भी तैयार किया गया है। एक हाल बनाया गया है, जहां कुछ कार्यक्रम करवाए जाएंगे। रिज मैदान पर एक पंडाल लगाया गया है। इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे। उत्सव के दौरान प्रवेश निश्शुल्क होगा। इसके लिए कोई औपचारिकता पूरी नहीं करनी होगी। लोग आसानी से कार्यक्रमों का आनंद उठा सकेंगे।
साहित्य देश की संस्कृति व सभ्यता को भी अभिव्यक्त करता है : मेघवाल
केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल(Arjun Ram Meghwal) ने कार्यक्रम से जुडी जानकारी को साझा करते हुए कहा है कि, ”साहित्य किसी भी देश की संस्कृति, सभ्यता और समाज को भी अभिव्यक्त करता है। विशाल आयोजन में 15 देशों के 400 से अधिक साहित्यकार विभिन्न विषयों पर चिंतन, मनन व मंथन करेंगे। उससे जो अमृत निकलेगा, उससे निश्चित ही साहित्य समृद्ध होगा। आयोजन में 60 से अधिक भाषाओं को सम्मिलित किया गया है। प्रसन्नता है कि मुझे आयोजन में रहने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव पर अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव का आयोजन इसके महत्व को और बढ़ा देता है। आयोजन में साहित्य और नारी सशक्तीकरण, सिनेमा और साहित्य, भारतीय कालजयी कृतियां और विश्व साहित्य, गैर मान्यता प्राप्त भाषाओं का साहित्य, साहित्य और भारतीय स्वतन्त्रता आंदोलन, प्रवासी भारतीय साहित्यिक अभिव्यक्तियां, मीडिया, साहित्य और स्वाधीनता आंदोलन आदि विषयों पर विद्वान साहित्यकारों द्वारा परिचर्चा सत्र आयोजित होंगे। यह उत्सव नवोदित व युवा साहित्यकारों को भी अवसर प्रदान करेगा। विश्वास है कि अंतरराष्ट्रीय साहित्य उत्सव ‘उन्मेष अभिव्यक्ति का उत्सव साहित्य की समृद्धि और संवद्र्धन में मील का पत्थर साबित होगा।”