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Tokyo Olympics में भारत का हॉकी में गोल्ड का टूटा सपना, अब ब्रॉन्ज के लिए जर्मनी से भिड़ेगी टीम इंडिया
Tokyo Olympics 2021 : Tokyo Olympics खेलों के सेमीफाइनल में भारतीय पुरुष हॉकी टीम विश्व चैम्पियन बेल्जियम से 2-5 से हार गई। भारत को इस हार का मुंह अंतिम 11 मिनट के अंदर तीन गोल गंवाने के कारण देखना पड़ा। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ओलंपिक के सेमीफाइनल में 49 साल बाद पहुंची थी। तमाम प्रयासों के बाद भी भारत हॉकी में गोल्ड से चूक गया। लेकिन अभी कांस्य पदक की उम्मीद बाकी है। टीम इंडिया गुरुवार को जर्मनी से ब्रॉन्ज के लिए भिड़ेगी।
मैच के दौरान बेल्जियम के लिए अलेक्सांद्र हेंड्रिक्स (19वें, 49वें और 53वें मिनट) ने तीन, जबकि लोइक फैनी लयपर्ट (दूसरे मिनट) और जॉन जॉन डोहमेन (60वें मिनट) ने एक गोल किया। जबकि भारत की तरफ से हरमनप्रीत सिंह (7वें) और मनदीप सिंह (9वें मिनट) ने गोल किए। भारत म्यूनिख ओलंपिक 1972 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में पहुंचा था।
मेजर ध्यानचंद के समय भारत के हॉकी के लिए था स्वर्णिम युग
साल 1928 में खेला गया Olympics मे भारत ने पहली बार भाग लिया था और उस पूरे टूर्नामेंट में भारत ने एक भी मैच नहीं हारा था और फाइनल में हाँलैंड को 3-0 से हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया था। भारत को गोल्ड मेडल दिलाने में ध्यानचंद की अहम भूमिका थी, क्योंकि फाइनल के 3 में से 2 गोल ध्यानचंद ने किए थे।
उसके बाद 1932 के Olympics में जो लॉस एंजिल्स में खेला गया यहां भी भारतीय टीम ने गोल्ड मेडल हासिल किया था। फाइनल में भारत ने अमेरिका को 24-1 के भारी अंतर से हराया था और 1936 के ओलंपिक तक ध्यानचंद कैप्टन बन चुके थे। यहां भारतीय टीम ने जर्मनी को हराकर गोल्ड मेडल की हैट्रिक कर ली थी।
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