भारतीय मूल के राशद हुसैन बने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के अमेरिकी राजदूत
शद ने मुस्लिम बहुल देशों में धार्मिक अल्पसंख्यक हितों की रक्षा करने के क्षेत्र में भी काम कर चुके हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक बार फिर भारतीय मूल के अमेरिकी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। जो बाइडेन ने भारतीय मूल के अमेरिकी राशद हुसैन को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता का अमेरिकी राजदूत बनाया है। वह इस पद पर नियुक्त होने वाले पहले मुस्लिम हैं। भले ही 41 वर्षीय रासद का जन्म अमेरिका में हुआ था। लेकिन उनकी जड़ें भारत में भी हैं। राशद के पिता एक खनन इंजीनियर थे, जो 1960 के दशक के अंत में बिहार से व्योमिंग चले गए थे।
कुछ साल बाद भारत यात्रा के दौरान उन्होंने राशद की मां से शादी की, जो अब प्लानो में एक प्रसूति रोग विशेषज्ञ हैं। वाइट हाउस ने कहा कि वह न्याय विभाग के राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग में वरिष्ठ वकील के रूप में काम कर चुके हैं। ओबामा प्रशासन के दौरान, राशद ने इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) में अमेरिका के विशेष दूत के रूप में, आतंक विरोधी और वाइट हाउस के उप सहयोगी के रूप में काम कर चुके हैं।
राशद ने मुस्लिम बहुल देशों में धार्मिक अल्पसंख्यक हितों की रक्षा करने के क्षेत्र में भी काम कर चुके हैं। ओबामा प्रशासन में शामिल होने से पहले, राशद यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स में ज्यूडिशियल लॉ क्लर्क के रूप में काम कर चुके हैं। वह ओबामा-बाइडन ट्रांजिशन प्रोजेक्ट के सहयोगी वकील भी थे।
नेशनल सिक्यूरिटी काउंसिल में रासद पार्टनरशिप्स और ग्लोबल इंगेजमेंट के निदेशक हैं। अमेरिकी प्रतिनिधि होने के नाते राशद शिक्षा, स्वास्थ्य, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में भागीदारी का विस्तार करने के लिए OIC, संयुक्त राष्ट्र, विदेशी सरकारों और नागरिक समाज संगठनों के साथ काम कर चुके हैं।
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