धोनी की कप्तानी में भारत ने इस साल जीता था पहला टी-20 वर्ल्ड कप
24 सितंबर का दिन भारतीय क्रिकेट टीम और क्रिकेट फैन्स के लिए बेहद यादगार है। आज ही के दिन 12 साल पहले 2007 में भारत ने पहला आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। टी-20 वर्ल्ड कप पहली बार 2007 में खेला गया था और टीम इंडिया ने महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी में पाकिस्तान को 5 रन से हराकर खिताब अपने नाम किया था। पूरे वर्ल्ड कप में भारत की दो जीत सबसे ज्यादा चर्चा में रही एक फाइनल में मिली पाकिस्तान के खिलाफ खिताबी जीत और दूसरी भी पाकिस्तान के खिलाफ ही ग्रुप राउंड में मिली जीत। बॉल-आउट में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को हराया था और इस मैच की यादें आज भी क्रिकेट फैन्स के जेहन में पूरी तरह से ताजा हैं।
टीम इंडिया की इस जीत हीरो तेज गेंदबाज जोगिंदर शर्मा रहे थे।पाकिस्तान के खिलाफ टी-20 वर्ल्ड कप के फाइनल में टीम इंडिया ने आखिरी ओवर में नाटकीय ढंग से मैच जीता था। पाकिस्तान को आखिरी ओवर में 13 रनों की दरकार थी और क्रीज पर मिसबाह उल हक और मोहम्मद आसिफ मौजूद थे।
कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धौनी के सामने आखिरी ओवर कराने के लिए हरभजन सिंह और जोगिंदर शर्मा के रूप में दो ऑप्शन थे। धौनी ने गेंद जोगिंदर को पकड़ाई और पूरा क्रिकेट जगत सन्न रह गया था। पहली गेंद जोगिंदर ने वाइड फेंक दी। पाक को अब 6 गेंद पर 12 रनों की दरकार थी। ओवर की पहली लीगल डिलीवर डॉट बॉल। लेकिन दूसरी गेंद पर मिसबाह ने छक्का जड़ डाला। यहां से लगा कि मैच टीम इंडिया की पहुंच से बाहर गया। लेकिन इसके बाद जो कुछ भी हुआ वो इतिहास बन गया। जोगिंदर शर्मा ने 2007 टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी ओवर फेंका था और मिसबाह उल हक को श्रीसंत के हाथों कैच कराकर भारत को टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनाया था।
भारतीय टीम ने पाकिस्तान को फाइनल में हराकर टी20 विश्व कप का पहला संस्करण जीतने का कारनामा अंजाम दिया था। इस टूर्नामेंट में पूरी टीम ने एकजुट प्रदर्शन किया था फिर भी भारतीय टीम की इस जीत में कुछ खिलाड़ियों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण था। लेकिन आज के दौर में हम इन खिलाड़ियों को पीछे छोड़ चुके हैं या यूं कहे कि हम इनको भुला चुके हैं। तो आइए जानते हैं भारतीय टीम से दरकिनार हो चुके उन हीरोज के बारे में जिनके बिना हम विश्व कप खिताब नहीं जीत पाते।
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1. गौतम गंभीर:
पाकिस्तान के खिलाफ 2007 विश्व कप फाइनल में गौतम गंभीर ने 75 रनों की पारी खेलकर भारतीय पारी को संभाला था। ये गंभीर की पारी ही थी जिसकी मदद से टीम ने 157 रन का स्कोर खड़ा किया था। गंभीर अगर उस विश्व कप में नहीं चलते तो भारत के हाथ खिताब कभी नहीं लगता। गंभीर ने विश्व कप 2007 के बाद भी भारत के लिए शानदार क्रिकेट खेला। गंभीर भारत के चौथे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होने टी20 विश्व कप के कुल 21 मैचों में 524 रन बनाए।
2. इरफान पठान:
इरफान पठान ने विश्व कप 2007 में गेंद से शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को खिताब जीताया था। फाइनल में उन्होने सही वक्त पर शोएब मलिक और शाहिद अफरीदी जैसे खिलाड़ियों को आउट कर टीम की जीत को सुनिश्चित किया था। पठान ने इस मैच में 4 ओवर के अपने कोटे में सिर्फ 16 रन देकर 3 विकेट चटकाए थे जिसकी बदौलत उन्हे मैच का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया था।
3. आर. पी. सिंह:
एक दौर में आर. पी. सिंह भारत के सबसे सफल टी20 गेंदबाज थे। उन्होने 2007 विश्व कप में कमाल की गेंदबाजी करते हुए 7 मैचों में 12 विकेट चटकाए थे। साउथ अफ्रीका के खिलाफ उनकी गेंदबाजी की बदौलत ही भारत सेमीफाइनल में जगह पक्की कर सका था। पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल में भी उन्होने 3 विकेट झटक कर भारतीय जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
4. जोगिंदर शर्मा:
2007 टी20 विश्व कप फाइनल में जब पाकिस्तान टीम को जब जीत के लिए अंतिम ओवर में 6 गेंदों 13 रनों की जरूरत थी तो भारतीय कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने एक नये नवेले गेंदबाज को गेंद थमा दी थी। विश्व कप फाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ किये गए अंतिम ओवर ने जोगिंदर शर्मा को रातों रात देश का सुपर स्टार बना दिया था। जोगिंदर ने अपनी दूसरी गेंद पर छक्का खाने के बाद जैसे ही तीसरी गेंद पर मिस्बाह उल हक को आउट किया पूरा देश खुशी से झूम उठा।
तेजी से आगे बढ़ते क्रिकेट के इस खेल ने इन भारतीय खिलाड़ियों को जरूर पीछे छोड़ दिया हो लेकिन क्रिकेट के इतिहास और फैंस की यादों में ये खिलाड़ी हमेशा वो विजेता खिलाड़ी कहलाएंगे जिन्होने भारत को पहली बार टी20 विश्व विजेता बनाया जिन्होने पूरे देश को झूमने का मौका दिया।