India Rise Special : देश की तरक्की में सरकार के इस कदम ने दिया अपना अहम योगदान, आप भी जानें !
India Rise Special : आजादी के बाद विभिन्न नीतियों ने समय-समय पर देश की अर्थव्यवस्था को नई बुलंदियों पर पहुंचाया है। हम आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। दुनियाभर में भारत की पहचान एक मजबूत इकोनॉमी वाले देश के तौर पर हो रही है।
कई क्षेत्रों में अब हमारी इकोनॉमी आत्मनिर्भर बन चुकी है। हम कई क्षेत्रों में सबसे बड़े निर्यातक भी हैं। इस पूरे सफर में मील का पत्थर साबित करने वाली अभी तक की सरकार की कुछ नीतियों तथा उपलब्धियों की महत्वपूर्ण भूमिका है।
पहले कंप्यूटर की स्थापना
देश में 1955 में तकनीकी क्रांति से कदम मिलाते हुए पहले कंप्यूटर स्थापना हुई थी। एचईसी 2एम नामक यह कंप्यूटर जो ब्रिटेन में बना है इसको कोलकाता में स्थापित किया गया था। यह कंप्यूटर 3.40 मीटर लंबा, 2.13 मीटर चौड़ा तथा 1.8 मीटर ऊंचा था।
उज्ज्वल भविष्य की ओर श्वेत क्रांति द्वारा उठाए गए कदम
दुनिया का सबसे बड़ा डेयरी विकास कार्यक्रम 1970 की इस क्रांति को कहा जाता है। इस क्रांति ने हमारे देश को दूध की कमी से जूझ रहे सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले देश की श्रेणी में शामिल करा दिया। इसके जनक अमूल के संस्थापक वर्गीज कुरियन माने जाते हैं।
उदारीकरण की नीति
भारतीय अर्थनीति के लिए वर्ष 1991 क्रांतिकारी साबित हुआ था। उदारीकरण की राह पर उस वक्त के मौजूदा वित्त मंत्री मनमोहन सिंह ने पहल की थी। हमारी अर्थव्यवस्था उस वक्त संकट से गुजर रही थी। मुश्किल से तीन हफ्तों के आयात भुगतान के लिए हमारे पास विदेशी मुद्रा मौजूद थी। देश का सोना गिरवी रख विदेशी मुद्रा उपलब्ध करने के बाद भी देश में वित्तीय आपातकाल जैसी परस्थिति बनी हुई थी। उस वक्त उदारीकरण नीति ने न सिर्फ देश की गिरती हुई अर्थव्यवस्था को संभाला, बल्कि उसे नई आयामों तक पहुंचने की राह भी दी।
जन-धन योजना की पहल
2014 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने जन-धन योजना का एलान किया था। इस योजना का उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक को बैंकिंग सुविधा के साथ जोड़ना है। 30 करोड़ से ज्यादा लोगों को इससे लाभ हुआ है। आर्थिक जगत के क्षेत्र में इसे दुनिया की सबसे बड़ी पहल मानी जाती है। इसके अंतर्गत एक हफ्ते में सबसे ज्यादा 1,80,96,130 बैंक अकाउंट खोलने का गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड भी बन चुका है।
एक देश, एक कर की पहल
देश ने 01, जुलाई, 2017 को वस्तु एवम् सेवा कर (जीएसटी) के अमल के साथ एक देश, एक कर की पहल शुरू की। 1991 में यह उदारीकरण के बाद वित्तीय क्षेत्र में सुधार की ओर बड़ा कदम है। मोदी सरकार ने आधी रात को इसे लागू करने के लिए संसद के सेंट्रल हाल में विशेष सत्र बुलाया था।
खाते में सब्सिडी देने की पहल
डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर्स के लिए में सीधे बैंक खातों में सब्सिडी भेजने की ‘पहल’ की शुरू की गई। जिससे लीकेज तथा हेराफेरी समाप्त करने में सहायता मिली। इस योजना के अंतर्गत एलपीजी सब्सिडी डायरेक्ट बैंक खातों दी जाने लगी है। सीधे नकद सब्सिडी का लाभ लगभग 15 करोड़ लोगों ले रहे है। लगभग 3.34 करोड़ नकली और निष्क्रिय खातों का इससे पता लगाना तथा उन्हें बंद करने में भी सहायता मिली।