विश्व में कमर्शियल महिला पायलट की श्रेणी में भारत पहले स्थान पर, दूसरे स्थान पर रहा आयरलैंड
बजट सत्र 2022 की दूसरी छमाही के दौरान लोकसभा में बोलते हुए, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि देश में कुल पायलट स्ट्रेथ का 15 प्रतिशत महिलाएं हैं। सिंधिया ने कहा, “दुनिया के बाकी सभी देशों में पायलटों में केवल 5 फीसदी महिलाएं हैं। भारत में पायलटों में 15 फीसदी से ज्यादा महिलाएं हैं। यह महिला सशक्तिकरण का एक और उदाहरण है। इसमें पिछले 20-25 वर्षों में विमानन उद्योग में काफी बदलाव आया है।”
इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ वीमेन एयरलाइन पायलट्स 2020 द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, भारत में दुनिया में महिला पायलटों का अनुपात सबसे अधिक है, जो अन्य देशों के विपरीत 12.4 प्रतिशत महिला कमर्शियल पायलटों के साथ सूची में सबसे आगे है। दूसरी स्थान पर आयरलैंड है, जहां डिस्टैंट 9.9 प्रतिशत महिला पायलट हैं। डेटा को एक साल से अधिक समय पहले इख्ट्टा किया गया था और तब से, संख्या में और वृद्धि हुई है।
सर्वेक्षण में आगे पता चला कि छोटी क्षेत्रीय एयरलाइंस 13.9 प्रतिशत जेंडर रेशियो के साथ महिला पायलटों की सबसे बड़ी नियोक्ता हैं, जबकि कार्गो एयरलाइंस का भारत में सबसे कम रेशियो 8.5 प्रतिशत है। कैप्टन जोया अग्रवाल जैसी भारतीय महिला पायलट, जिन्होंने एयर इंडिया पर दुनिया की सबसे लंबी सैन फ्रांसिस्को से बेंगलुरु की सीधी उड़ान का संचालन किया, हाल ही में चर्चा का विषय रही हैं।
विश्व स्तर पर, आयरलैंड दूसरे स्थान पर है, इसके बाद दक्षिण अफ्रीका 9.8 प्रतिशत महिला पायलटों के साथ तीसरे स्थान पर है, जबकि कनाडा 6.9 प्रतिशत अनुपात के साथ चौथे स्थान पर है। पांचवां जर्मनी 6.9 प्रतिशत के साथ है। दूसरी ओर, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में क्रमश: 5.4 और 4.7 प्रतिशत महिला फ्लाईट ऑफिसर्स हैं।
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि नागरिक उड्डयन उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख स्त्रोत बन गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में नई और अपडेटेड तकनीक के साथ पायलट लाइसेंस का सिम्प्लीफिकेशन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की योजना 33 नए घरेलू कार्गो टर्मिनल बनाने, पायलटों के लिए 15 नए उड़ान प्रशिक्षण स्कूल स्थापित करने, अधिक रोजगार उत्तपन्न करने और ड्रोन क्षेत्र पर ध्यान बढ़ाने की है।