ऑपरेशन रक्षक में सिपाही शिवराज के जज्बे को किया गया याद, घायल होने के बाद भी मार गिराए चार आतंकी
हल्द्वानी। हरिद्वार में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन रक्षक के दौरान सीमा शहीद शिवराज की शहादत को याद किया गया। बताया गया कि, शहीद शिवराज ने जख्मी होने के बावजुद भी चार आतंकियों को मार गिराया था।
नैनीताल जिले के भवाली के रहने वाले शहीद शिवराज सिंह निगल्टिया इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद 30 नवंबर 1987 को सेना में भर्ती हुए थे। रानीखेत में अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उनको 19 कुमाऊं रेजिमेंट में नियुक्त किया गया। 1991 में उनकी शादी दुर्गा देवी से हुई। उनके दो पुत्र विनीत और मनमोहन हैं।
सिपाही शिवराज अगस्त 1995 में आखिरी बार अवकाश पर घर गए थे। 1996 में उनकी पलटन जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में तैनात थी। इसी दौरान जानकारी मिली की कश्मीर की सीमा के अंदर आतंकी घुस आए हैं। उस समय सेना के अधिकारियों ने आपरेशन रक्षक के तहत कुमाऊं रेजिमेंट को आपरेशन के निर्देश दिए।
आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान सिपाही शिवराज सिंह बुरी तरह से जख्मी हो गए , लेकिन देश के जांबाज ने हिम्मत नहीं हारी और चार आतंकियों को ढेर कर दिया। मरणोपरांत शहीद को सेना की तरफ से वीरता के सेना मेडल से अलंकृत किया गया।