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IATO: आज यूपी डोमेस्टिक टूरिज्म में देश में नंबर-1 – सीएम योगी
कहा- पहले निवेश के लिए दफ्तर-दफ्तर दौड़ना पड़ता था, अब ऑटो मोड में हो रहे कार्य
IATO के 37वें एनुअल कन्वेंशन को किया संबोधित
देशभर से आए टूर ऑपरेटर्स को सीएम योगी ने गिनाए पर्यटन सेक्टर में निवेश के फायदे
कहा- पहले निवेश के लिए दफ्तर-दफ्तर दौड़ना पड़ता था, अब ऑटो मोड में हो रहे कार्य
यूपी आज सबसे सुरक्षित प्रदेश, पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर चिंता अब बीते दिनों की बातः योगी
डॉमेस्टिक टूरिज्म में आज नंबर वन है यूपी, यहां हर प्रकार के पर्यटन की अपार संभावनाएं
लखनऊ : उत्तर प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से अनंत संभावनाओं वाला राज्य है। यहां धार्मिक, आध्यात्मिक, ईको टूरिज्म के सभी बड़े केंद्र मौजूद हैं। आज उत्तर प्रदेश डॉमेस्टिक टूरिज्म के मामले में नंबर वन है। 2024 में जब अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा तो वहां 10 गुना पर्यटन बढ़ जाएगा। आज प्रदेश में पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर कोई चिंता की बात नहीं। ये सब बीते दिनों की बात हो गयी है। यूपी आज सबसे सुरक्षित प्रदेश है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को 37वें इण्डियन एसोसिएशन आफ टुअर आपरेटर्स (आयटो) के एनुअल कन्वेन्शन में देश भर से आए टूर ऑपरेटर्स के समक्ष अपने उद्बोधन में कही।
उत्तर प्रदेश आज डॉमेस्टिक टूरिज्म में नंबर वन
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग ढाई दशक के बाद यूपी में IATO (आयटो) ने कार्यक्रम आयोजित किया था। 26 साल पहले जब ये कार्यक्रम हुआ होगा तब के यूपी और आज के यूपी में काफी फर्क आप सभी को महसूस हो रहा होगा। यूपी में हर प्रकार के टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। विगत पांच वर्ष में हम सबने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में जो प्रयास किये हैं उसका प्रतिफल है कि उत्तर प्रदेश आज डोमेस्टिक टूरिज्म में नंबर वन है।
सावन माह में एक करोड़ पर्यटक वाराणसी आए
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में धार्मिक-आध्यात्मिक पर्यटन के क्षेत्र में अनंत संभावनाएं हैं। दुनिया की सबसे प्राचीनतम नगरी और भारत की सांस्कृतिक आध्यात्मिक राजधानी काशी के रूप में हमारे पास है। हाल ही में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के एक वर्ष पूरे हुए हैं। पहले अमूमन वाराणसी में वर्ष में एक करोड़ पर्यटक आते थे, मगर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम बनने के बाद इस साल अकेले सावन माह में एक करोड़ पर्यटक वाराणसी आए।
अयोध्या-मथुरा के विकास के लिए खर्च हो रहे 30-30 हजार करोड़ रुपए
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा अयोध्या हर सनातनी की आस्था का केंद्र है। सभी यहां अपने जीवनकाल में एक बार आने की अभिलाषा रखते हैं। यहां भव्य मंदिर का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। दीपोत्सव के साथ ही अयोध्या में पर्यटन विकास के लिए बहुत से कार्य हुए हैं। यहां 30 हजार करोड़ के इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्य चल रहे हैं। अयोध्या में जब श्रीराम मंदिर का निर्माण और विकास के कार्य 2024 में पूरे होंगे उसके बाद यहां 10 गुना पर्यटन बढ़ जाएगा। ऐसे ही मथुरा, वृंदावन, गोकुल, बरसाना भी हमारे पास है। क्या देसी और क्या विदेशी, सब मथुरा से जुड़ाव रखते हैं। वहां के आध्यात्मिक विकास के साथ ही भौतिक विकास को भी आप सबने महसूस किया होगा। केंद्र और राज्य सरकार की ओर से मथुरा-वृंदावन के विकास के लिए 25 से 30 हजार करोड़ रुपए की लागत से इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्य चल रहे हैं।
टूरिज्म सर्किट को डेवलप किया जा रहा
मुख्यमंत्री ने प्रयागराज का उदाहरण रखते हुए कहा कि 2019 के कुंभ में 24 करोड़ श्रद्धालु आए। मगर इतनी बड़ी तादात में लोग किसी आयोजन के साथ जुड़ें और किसी प्रकार की कोई धक्का-मुक्की तक की स्थिति नहीं बनी। इसके अलावा रामायण, कृष्णा और बौद्ध सर्किट को व्यवहरिक धरातल पर उतारने का प्रयास युद्धस्तर पर चल रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सारनाथ, कुशीनगर, कपिलवस्तु, श्रावस्ती, कौशांबी जैसे महत्वपूर्ण बौद्ध स्थल यूपी में मौजूद हैं। कुशीनगर में अन्तराष्ट्रीय एयरपोर्ट, श्रावस्ती एयरपोर्ट डेवलप किया जा रहा है। वैदिक श्रुतियों को लिपिबद्ध करने की भूमि नैमिषारण्य भी यहीं है। भगवान राम के वनवास से जुड़ा चित्रकूट भी यूपी में है। शुक्र तीर्थ, मां विंध्यवासिनी का धाम भी यहीं है। साथ ही तराई, विंध्य और बुंदेलखंड में ईको और हेरिटेज टूरिज्म की अपार संभावना है।