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एयर फ़ोर्स में पायलट कैसे बने, यहां जानें पूरी जानकारी 

भारतीय वायु सेना एयर फ़ोर्स भारतीय सशस्त्र सेनाओ के तीन प्रमुख अंगों में से एक है, हमारे देश के अधिकांश युवा वर्ग एयर फोर्स अर्थात भारतीय वायु सेना में सम्मलित होकर देश की सेवा करना चाहते है, भारतीय वायु सेना में पायलट पद के लिए छात्रों में अधिक रूचि देखनें को मिलती है, क्योंकि यह एक ऐसा करियर है, जो हर तरह की सुविधाओं, शानदार जीवन शैली और देश के लिए कुछ करनें के लिए सम्मान से परिपूर्ण है, इस पद को प्राप्त करनें के लिए इससे सम्बंधित जानकारी प्राप्त करना अनिवार्य  है, क्योंकि सही जानकारी के माध्यम से आप आसानी से सफलता प्राप्त कर सकते है। 

एयर फ़ोर्स पायलट को काफी कठिन ट्रेनिंग प्रक्रिया से गुजरना होता है जिसमें फाइटर प्लेन फ्लाइंग के दौरान हवा से हवा में आक्रमण करना होता है. इंडियन एयर फोर्स पायलट की जिम्मेदारी होती है कि दिये गये मिशन को पूरा करे जिसमें दुश्मन के बेस को तबाह करना, सोल्जर्स / सिविलयन्स को बचाना या दोनो शामिल होते हैं. कुछ एक मामलों में एयर फोर्स पायलट को शांति बनाये रखने वाले मिशन में भी लगाया जाता है. हालांकि, ज्यादातर मामलों में इन्हें फायटर जेट के साथ आक्रमण के लिए ट्रेनिंग दी जाती है। 

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एयर फोर्स में पायलट बनने के लिए कोर्सेस

इंडियन एयर फ़ोर्स में पायलट बनना आसान नहीं है. चार ऐसे तरीके हैं जिनके माध्यम से उम्मीदवाद इंडियन एयर फोर्स में पायलट बन सकते हैं. नेशनल डिफेंस एकेडेमी (एनडीए), कंबाइंड डिफेंस सर्विस एग्जाम (सीडीएसई), एनसीसी इंट्री और शॉर्ट सर्विस कमीशन इंट्री (एसएससी) ऐसे कोर्सेस हैं जिनके माध्यम से एयर फोर्स में फ्लाइंड ऑफिसर के रूप में आपकी इंट्री हो सकती है. इनमें पहले तीन तरीके पर्मानेंट कमीशन हैं जबकि चौथा अस्थायी कमीशन है. 

एयर फ़ोर्स में पायलट बननें हेतु योग्यता

1.एयर फोर्स में भर्ती होने के लिए अभ्यर्थी बारहवीं  50 प्रतिशत अंको के साथ पीसीएम सब्जेक्ट से उत्तीर्ण होना अनिवार्य होता है |

2.आवेदक की आयु 16 वर्ष  से 23 वर्ष के मध्य होना चाहिए , तथा शारीरिक रूप से फिट होना चाहिये |

एयर फ़ोर्स में पायलट बननें हेतु परीक्षा  

भारतीय वायु सेना में पायलट बननें के लिए अभ्यर्थी को मानसिक और शारीरिक, दोनों तरह से स्वस्थ होना आवश्यक है, पायलट  बननें  के लिए योग्यता के आधार पर दो तरह की परीक्षाए आयोजित की जाती है, एक ग्रेजुएट स्तर की और दूसरी अंडर ग्रेजुएट स्तर की होती है ,  ग्रेजुएट स्तर की परीक्षा में छात्रों को ग्रेजुएशन या इंजीनियरिंग स्तर पर पढ़ाए जानें वाले विषयों का गंभीरता से अध्ययन करना चाहियें और अंडर ग्रेजुएट छात्रों को दसवीं और बारहवीं के गणित और विज्ञान विषयों पर विशेष ध्यान देना चाहिए |  भारतीय वायुसेना में पायलट बननें के कई विकल्प है, जिनमें पहला नेशनल डिफेन्स एकेडमी, दूसरा कंबाइंड डिफेंस सर्विस यानी (सीडीएसई), तीसरा एनसीसी स्पेशल एंट्री और चौथा एसएससी परीक्षा के माध्यम से पायलट बन सकते है |

एयर फोर्स पायलट बनने के लिए शैक्षणिक योग्यता

एनडीए परीक्षा के माध्यम से इंट्री के लिए उम्मीदवारों को फिजिक्स और मैथमेटिक्स विषयों के साथ 12वीं पास होना चाहिए.

सीडीएस परीक्षा, एनसीसी स्पेशल इंट्री और एएफसीएटी के माध्यम से इंट्री के लिए उम्मीदवारों को ग्रेजुएट होना चाहिए. इंजीनियरिंग डिग्री वाले उम्मीदवार भी सीडीएस परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं.

आयु सीमा

एनडीए परीक्षा के माध्यम से इंट्री के लिए उम्मीदवारों की आयु 16-1/2 से 19 वर्ष के बीच होनी चाहिए.

सीडीएस परीक्षा, एनसीसी स्पेशल इंट्री और एएफसीएटी के माध्यम से इंट्री के लिए उम्मीदवारों की आयु 20 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए.

उम्मीदवार एनडीए 12वीं के बाद ज्वाइन कर सकते हैं. अन्य कोर्सेस के लिए उम्मीदवारों को ग्रेजुएट होना जरूरी है.

नेशनल डिफेंस एकेडेमी (एनडीए): एयर फोर्स में फ्लाइंग ब्रांच ज्वाइन करने के लिए, उम्मीदवारों को एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है. एनडीए परीक्षा यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) द्वारा आयोजित की जाती है.  एनडीए परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवारों को एनडीए में तीन वर्षीय ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है जिसके बाद एयर फोर्स ट्रेनिंग इस्टैब्लिश्मेंट्स में ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता है. ट्रेनिंग के बाद उम्मीदवारों को पर्मानेंट कमीशन ऑफिसर्स के रूप में कमीशन या इंडियन एयर फोर्स स्टेशन में पायलट के रूप नियुक्ति दी जाती है.

कंबाइंड डिफेंस सर्विस एग्जामिनेशन (सीडीएसई): एनडीए के अतिरिक्त यूपीएससी सीडीएससई परीक्षा का भी आयोजन करता है जिसके माध्यम से भी पुरुष उम्मीदवार पायलट बन सकते हैं. सीडीएस परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवारों को इंडियन मिलिट्री एकेडमी/इंडियन नेवल एकेडमी/एयर फोर्स एकेडमी में दाखिला दिया जाता है. एनडीए ट्रेनिंग की तरह ही ट्रेनिंग के बाद उमीदवारों को पर्मानेंट कमीशन ऑफिसर्स की नियुक्ति दी जाती है या एयर फोर्स स्टेशन में पायलट के रूप में नियुक्ति दी जाती है.

नेशनल कैडेट कॉर्प्स (एनसीसी) स्पेशल इंट्री: अब बात आती है एनसीसी स्पेशल इंट्री की, जो कि सिर्फ पुरूष उम्मीदवारो के लिए है. जिनके पास एयर विंग सीनियर डिविजन का ‘सी’ सर्टिफिकेट होता है उन्हें नेशनल कैडेट कॉर्प्स (एनसीसी) स्पेशल इंट्री के लिए योग्य माना जाता है. नियुक्ति डायरेक्टोरेट जनरल नेशनल कैडेट कॉर्प्स या संबंधित एनसीसी एयर स्क्वाड्रन के माध्यम से दी जाती है. यह एक स्पेशल इंट्री स्कीम है जिसमें उम्मीदवारों को पर्मानेंट कमीशन ऑफिसर्स के रूप में नियुक्ति दी जाती है.

एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट (एएफसीएटी): एयर फोर्स कॉमन एडमिशन टेस्ट (एएफसीएटी) महिला एवं पुरुष दोनो ही उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध होता है. इस टेस्ट का आयोजन इंडियन एयर फोर्स द्वारा 14 वर्षों के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन में नियुक्ति देने के लिए किया जाता है. इस माध्यम से उम्मीदवारों का चयन टेक्निकल ब्रांचेस एवं ग्राउंड ड्यूटी ब्रांचेस के लिए किया जाता है. इस परीक्षा का आयोजन वर्ष में दो बार किया जाता है.

एयर फोर्स पायलट को मिलने वाली सैलरी और अन्य एलाउंसेस

फ्लाइंग ऑफिसर या इंडियन एयर फोर्स पायलट की सैलरी पे-बैंड के आधार पर निर्धारित होती है. मूल वेतन पे-बैंड3 रु.15600-39100 होता है. इसके अतिरिक्त ग्रेड पे रु.5400 प्रति माह दिया जाता है, मिलिट्री सर्विस पे रु.6000 प्रति माह, डियरनेट एलाउंस रु.21,600 प्रति माह है, किट मेंटेनेंस एलाउंस रु.500 प्रति माह और ट्रांसपोर्ट एलाउंस रु.3200+डीए (प्रमुख शहरों में) / रु.1600 + डीए (दूसरे शहरों में) भी दिया जाता है. फ्लाइंग ब्रांच ऑफिसर्स को अन्य एलाउंसेस में रु.11250 प्रति माह दिया जाता है. कुल मिलाकर नये रिक्रूट फ्लाइंग ऑफिसर को, छठे वेतन आयोग के अनुसार, रु.66,110 प्रति माह दिया जाता है. सर्विस में अनुभव एवं प्रमोशन के बाद सैलरी पे-बैंड 4 में रु.1.5 लाख तक हो जाती है.

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