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क्रिकेट के मैदान में कैसे उतरे गौतम गंभीर, जानें सबकुछ 

भारतीय क्रिकेट टीम में बेहतरीन और महान खिलाड़ियों के पलायन का दौर जैसे शुरू हो चुका है. सौरभ गांगुली और अनिल कुबंले ने तो संन्यास ले ही लिया है और अब द्रविड़ ने भी वनडे से संन्यास की घोषणा कर दी है. ऐसे में सवाल है कि भारतीय क्रिकेट टीम की बल्लेबाजी क्रम में अगर सचिन, द्रविड़ और लक्ष्मण सरीखे बल्लेबाज नहीं होंगे तब क्या होगा. दो साल पहले जब सौरभ गांगुली ने टेस्ट मैचों से अलविदा कहा था तब एक बहुत बड़ा सवाल खड़ा हुआ था कि आखिर कौन उनकी जगह लेगा? और तब सामने आए गौतम गंभीर.

बाएं हाथ के इस विस्फोटक बल्लेबाज ने अपनी शैली से दुनियाभर के क्रिकेट प्रशंसकों को अपना कायल बना लिया है. गंभीर की बल्लेबाजी से प्रसन्न हो कर तो कई लोगों ने उन्हें महान बल्लेबाज विव रिचर्डस के समान भी बता दिया. सहवाग के साथ मिलकर आज गंभीर दुनिया की सबसे विस्फोटक ओपनिंग जोड़ी बनाते हैं. टेस्ट हो या वनड़े या फिर टी-ट्वेंटी इस खब्बू बल्लेबाज ने हर प्रारूप में अपनी उपयोगिता साबित की है.

गौतम गंभीर की शैली

मैदान पर और मैदान से बाहर हमेशा शांत स्वभाव के दिखने वाले गौतम गंभीर कब भड़क जाएं कुछ कहा नहीं जा सकता. वह स्वभाव से जितना शांत दिखते हैं बल्ले से उसी तेजी से रन भी उगलते हैं. गौतम गंभीर यूं तो मैदान पर शांत ही रहते हैं लेकिन जब पानी सर से ऊपर चढ़ जाता है तो उसका अंजाम शाहिद आफरीदी से बेहतर कोई नहीं जानता. मौजूदा समय के बेहतरीन बाएं हाथ के खिलाड़ी गौतम गंभीर को स्पिन और तेज दोनों तरह की गेंदबाजी को सही ढंग से खेलने के लिए जाना जाता है. गौतम गंभीर क्रिकेट की दुनिया में नित नयी उंचाइयों को छू रहे हैं. उनके अन्दर एक आग है जो विपक्षी गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाने और विजयी होकर मैदान से बाहर निकलने पर ही शांत होती है.

गौतम गंभीर की प्रोफाइल

14 अक्टूबर, 1981, को जन्मे गौतम गंभीर ने मॉडर्न स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की. बंगलुरू के नेशनल क्रिकेट अकादमी में वर्ष 2000 में सलेक्ट होने के बाद से ही गौतम गंभीर की किस्मत चमक गई.

गौतम गंभीर का इंटरनेशनल कॅरियर

गौतम गंभीर ने इंटरनेशनल लेवल पर 2003 में अपने कॅरियर की शुरुआत की. 11 अप्रैल, 2003 को गंभीर ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय मैच बांग्लादेश के खिलाफ खेला था. इस दौरे के ही तीसरे मैच में गौतम ने 71 रन बनाए थे. गौतम गंभीर ने अपना पहला शतक साल 2004 में श्रीलंका के खिलाफ लगाया था. 2004 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने टेस्ट कॅरियर की शुरुआत करने वाले गौतम गंभीर ने अपने कॅरियर में 39 टेस्ट मैचों में 3271 रन बनाए हैं जिसमें 9 शतक और 16 अर्धशतक शामिल हैं. गौतम गंभीर पहले ऐसे भारतीय बल्लेबाज हैं जिन्होंने टेस्ट मैचों में लगातार पांच शतक लगाए हैं. 2009 में उन्हें आईसीसी टेस्ट प्लेयर ऑफ ईयर का खिताब मिला था और कुछ समय के लिए वह टेस्ट के नंबर वन खिलाड़ी भी बने थे.

साल 2008 के बाद से गंभीर के सितारे सातवें आसमान पर हैं. साल 2008 के बाद से ही गौतम गंभीर टेस्ट और वनडे में भारतीय टीम के साथ पूरी तरह जुड़ पाएं हैं. 2007 टी-ट्वेंटी वर्ल्ड कप और बॉर्डर-गावस्कर ट्राफी के दौरान गौतम गंभीर ने खुद को उस जगह तक पहुंचा दिया है जहां से उनकी जगह हर मैच में बनती ही है.

क्रिकेट वर्ल्ड कप का नाम आते ही दिमाग में तुरंत साल 2011 आ जाता है. 2 अप्रैल 2011. वानखेड़े स्टेडियम. धोनी और गौतम गंभीर की ऐतिहासिक पार्टनरशिप. करोड़ों लोगों के रोने और हंसने का एकमात्र कारण – वर्ल्ड कप. सचिन का सपना सबका सपना था. इंडियन टीम फाइनल में थी. हम फाइनल में थे. देश फाइनल में था.

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सड़क पर जो भी था वो सन्नाटा था. लोग घरों में ठंसे हुए थे. सिंगल कमरे में मल्टिपल लोग घुसे हुए थे. जिनके घर में टीवी नहीं था वो दूसरे के घर में थे. हर कोई मैच में घुसा हुआ था. हर कोई मैच खेल रहा था. उस दिन यही एक बात थी जो श्री लंका को हरा गई. श्री लंका असल में 1 लोगों के सहारे सवा सौ करोड़ लोगों के खिलाफ़ क्रिकेट खेल रहा था.

इस पूरे माहौल में, एक क्रिकेटर ने अपनी पत्नी से मुंबई आने को कहा. फाइनल मैच देखने. उसका साथ देने. उसे जो जवाब मिला हंसाने वाला था. शॉकिंग. उसकी पत्नी पूछती है, “क्या ये गेम इतना ज़रूरी है?”

हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए गौतम गंभीर ने अपनी जिन्दगी के बहुते रोचक किस्से शेयर किए. उन्होंने बताया,  कि उनकी वाइफ़ वाइफ नताशा ने 2011 वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल देखने से मना कर दिया था. इंडिया तीसरी बार वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचा था. 1983 और 2003 के बाद 2011. भारत, पकिस्तान को हराकर और श्री लंका न्यूजीलैंड को हरा फाइनल खेलने पहुंचा था. 28 साल बाद भारत वर्ल्ड कप जीतने की पोजीशन में था.

गंभीर ने अपनी वाइफ (उस वक्त उनकी शादी नहीं हुई थी.) से पूछा “अगर तुम वर्ल्ड कप फाइनल मैच देखने मुंबई आना चाहो तो आ जाओ.”. नताशा ने कहा बताती हूं. अगले दिन शाम को नताशा ने कॉल किया और पूछा “गौतम, क्या यह मैच बहुत जरुरी है?” गौतम को कुछ समझ नहीं आया. असल में वो शॉक में थे. फिर गौतम ने हंसते हुए कहा “नहीं यार, इतना इम्पोर्टेन्ट तो नहीं है.”. इसपर नताशा ने कहा, “छोड़ न… कौन इतना ट्रेवल करके मुंबई तक आएगा एक मैच देखने?” नताशा वर्ल्ड कप फाइनल में मैदान में नहीं आईं. इस मैच में गंभीर ने शानदार 97 रन बनाए थे और भारत 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीता था. इसी साल यानी 2011 के अक्टूबर अंत में गौतम गंभीर और नताशा ने शादी कर ली थी. नताशा को आज भी उस मैच को नहीं देखने का अफ़सोस है.

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