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पाकिस्तान से उसका भी संदेशा आया, जिसके पिता को मिल्खा सिंह ने था हराया!

‘फ्लाइंग सिख’ नाम से मशहूर एथलीट मिल्खा सिंह ने 18 जून की रात इस दुनिया को अलविदा कह दिया. 1958 टोक्यो एशियाई खेलों में 200 मीटर और 400 मीटर में स्वर्ण पदक जीतने वाले मिल्खा सिंह भारत ही नहीं, एशिया के सबसे मशहूर एथलीटों में से एक थे. उस दौर में उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी हुआ करते थे पाकिस्तान के अब्दुल खालिक. पाकिस्तान के दिग्गज एथलीट अब्दुल खालिक के बेटे ने मिल्खा सिंह के निधन पर कहा है कि उनका जाना, भारत और पाकिस्तान, दोनों के लिए बड़ा नुकसान है.

अब्दुल खालिक के बेटे, मोहम्मद एजाज ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उनके पिता और मिल्खा सिंह में काफी समानताएं थीं. मिल्खा सिंह का जन्म बंटवारे से पहले गोविंदपुरा में हुआ था. बंटवारे में उन्होंने अपने माता-पिता को खो दिया और फिर रिफ्यूजी बनकर भारत आए. उन्होंने तिहाड़ जेल में कुछ समय बिताया और रिफ्यूजी कैंप में भी रहे. एजाज बताते हैं कि उनके पिता, अब्दुल खालिक ने भी गरीबी देखी और कड़ी मेहनत से दुनिया के दिग्गज एथलीट बने.

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