हिमाचल प्रदेश : जान बचाने के लिए गुफा में 2 दिन तक भूखे रहे चांगुट गांव के लोग
लाहौल स्पीति में भारी बारिश ने जो तबाही मचाई उसके निशान अभी भी लोगों के मन से मिटे नहीं है। हालात सामान्य होने में अभी समय लगेगा। घाटी के कई गांव का संपर्क बाहरी दुनिया से कटा हुआ है। जिले में स्तिथ चांगुट गांव में अभी तक कोई मदद नहीं पहुंची है।
गांव में बाढ़ से तीन मकान पूरी तरह से ढह गए थे। पुरे गांव में तबाही मच गई थी। न फसल बची न जमीन। ऐसे में गांव के करीब 40 लोग अपनी जान बचाने के लिए दो दिन तक भूखे प्यासे एक गुफा में रहे। जो कपड़े पहन कर लोग गुफा में घुसे थे। उन्हीं गीले कपड़ो में दो दिन गुजारे।
गांव के लोगों ने बताया कि अभी तक प्रशासन से कोई भी उनकी मदद के लिए नहीं आया। प्रशासन की और से एक पटवारी भेजा गया था। लेकिन अभी तक राहत सामग्री का नामो निशान नहीं है।
कांग्रेस नेता रवि ठाकुर ने गांव पहुँच कर लोगों आश्वासन दिया है। गांव वालो ने बताया कि इस बाढ़ से करीब 7 परिवारों के पास न जमीन बची है न ही फसल। अब इन लोगों को अपने गुज़ारे की चिंता सताने लगी है।
लाहौल-स्पीति में प्रशासन द्वारा लगभग 370 लोगों को रेस्क्यू किया गया। कुछ लोगो को रस्सी , ज़िप और सीढ़ियों के सहारे बचाया गया। बाकि लोगो को एयरलिफ्ट किया गया। पहले दो दिन ख़राब मौसम के चलते नहीं किया जा सका था।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने तोजिंग नाले में बाढ़ के कारण हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए लाहौल घाटी का दौरा किया। लोगो को हर संभव मदद करने का आश्वासन भी उनके द्वारा दिया गया।
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