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हिमाचल प्रदेश : ग्लेशियर टूटने से मंतलाई इलाके में 5,000 से अधिक भेड़ें फंसी

हिमाचल प्रदेश : टुंडा भुज में एक ग्लेशियर के टूटने के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त होने से पार्बती घाटी में 13,000 फुट ऊंचे मंतलाई क्षेत्र में 50 से अधिक पालकों की 5,000 से अधिक भेड़ें फंसी हुई हैं।

चरवाहे अपने पशुओं को गर्मियों में ऊंचे इलाकों में चरागाहों में ले जाते हैं और सितंबर में सर्दियों की शुरुआत में वापस लौटते हैं। पहले चरवाहे टुंडा भुज में पार्वती नदी पर बने लकड़ी के फुटब्रिज से होकर गुजरते थे।

2014 में पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। इसके बाद चरवाहे अपनी भेड़, बकरी और घोड़ों को टुंडा भुज की पहाड़ियों से ले जाते थे। हालांकि ग्लेशियर के टूटने से वैकल्पिक मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है।

चरवाहों ने प्रशासन से मदद की अपील की है।चरवाहों को दो सप्ताह के भीतर निचले इलाकों में लौटना जरुरी है। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त मार्ग से आना उनके लिए जोखिम भरा हो सकता है।

उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले वैकल्पिक मार्ग से गिरकर एक चरवाहे की मौत हो गई थी। साथ ही कहा कि बदलते मौसम के मिजाज के कारण इस क्षेत्र में कभी भी बर्फबारी हो सकती है।

टुंडा भुज में टूटे लकड़ी के फुटब्रिज की मरम्मत की मांग चरवाहे पिछले सात साल से कर रहे हैं। पर अभी तक सरकार, प्रशासन, वन विभाग और स्थानीय पंचायत ने कोई पहल नहीं की है। वन विभाग ने कुछ साल पहले टुंडा भुज में पुल बनाने की कवायद शुरू की थी, लेकिन यह पूरा नहीं हो सका।

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