
Himachal Pradesh: पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह को श्रद्धाजंलि देने पहुंचे जेपी नड्डा
Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम को श्रद्धाजंलि देने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के बाद अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा आज सुबह पूर्व सीएम को श्रद्धाजंलि देने रिज मैदान पहुंचे।
हालांकि जेपी नड्डा अपने तय समय से 20 मिनट लेट पहुंचे। उन्होंने पूर्व सीएम को श्रद्धा सुमन पुष्प अर्पित किए और इस दौरान मौजूद उनके समर्थकों और परिजनों को ढांढस बंधाया।
नड्डा ने कहा कि आज हम सबने एक बड़ा नेता खोया है लेकिन मैंने एक अपना एक मित्र भी खोया है जिससे मैंने बहुत कुछ सीखा है। वीरभद्र सिंह राजनीति और पार्टी से अलग हटकर सभी के लिए अपने दरवाजे खुले रहते थे हिमाचल की राजनीति में उनकी कमी कमी पूरी नहीं होगी और उनके कामों के लिए वह हमेशा याद किया जाएंगे।
उन्होंने हमेशा दलो की राजनीति से अलह हटकर काम किया है। सभी को एक साथ लेकर चलना भी उनको बखूबी आता था। उन्हे खोकर प्रदेश की राजनीति को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई करना नामुमकिन है। राजनीतिक वीरता और विनम्रता के लिए वीरभद्र को युगों तक याद किया जाएगा ।
वीरभ्रद का राजनीतिक जीवन
वीरभ्रद 6 बार हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर चुके । पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह ने 1962 से शिमला लोकसभा क्षेत्र से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। पहली बार महासू से चुनकर तीसरी लोकसभा के सदस्य बने।
1967 में महासू संसदीय क्षेत्र से दूसरी बार सांसद चुने गए। इसके बाद शिमला लोकसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होने पर वीरभद्र सिंह ने 1971 में मंडी लोकसभा क्षेत्र को अपनी कर्मभूमि चुना।
वीरभ्रद का गृह जिला शिमला का रामपुर विधानसभा क्षेत्र इस संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। यहां से सांसद चुने जाने के बाद वह केंद्र में 1976 में उप नागरिक उड्डयन मंत्री बने। 1977 में बीजेपी के गंगा सिंह ठाकुर के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 1980 में हार का बदला लेकर लोकसभा में पहुंचे।
वीरभ्रद केंद्र में उद्योग राजमंत्री बनाए गए । यहीं से वीरभद्र सिंह की किस्मत का सितारा चमका। कांग्रेस हाईकमान ने रामलाल ठाकुर को सीएम की कुर्सी से हटाया और वीरभद्र सिंह को सीएम बनाकर दिल्ली में हिमाचल वापस भेजा। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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