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Himachal: जंगल बचाने का संदेश देकर ट्रोल हो गए MS Dhoni, पढ़ें पूरा मामला
देश को क्रिकेट (Cricket) के दो वर्ल्ड कप दिलाने वाले टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) अपने शिमला दौरे के दौरान इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट डालने के बाद ट्रोल हो गए। उन्होंने ऊपरी शिमला के मीना बाग होम स्टे में फोटो खिंचवाई। इस फोटो में लकड़ी के बने शेड पर लगे स्लीपर पर संदेश दिया है कि ‘प्लांट ट्री, सेव फारेस्ट’। इस फोटो में महेंद्र सिंह धौनी अपनी तरफ से तो पेड़ बचाने का संदेश दे रहे हैं, लेकिन इसके इंटरनेट मीडिया में आते ही उन्हें ट्रोल किया जाने लगा।
यह संदेश स्लीपर पर लिखा होने के कारण ही उन्हें कुछ लोगों ने ट्रोल किया है। कुछ ने तो यहां तक कहा कि यह तो ऐसा ही हो गया कि तंबाकू बेचने वाली कंपनी अस्पताल बनाने का काम कर रही है। हालांकि रतनाड़ी में अधिकतर घर लकड़ी से ही बनाए जाते हैं।
महेंद्र सिंह धोनी अपने शिमला दौरे के दौरान हिमाचली (Himachal) टोपी में खूब दिखे। उनके साधारण व्यवहार से लोग भी काफी प्रभावित रहे। धौनी यहां तीन होम स्टे में रुके। पहले दिन धौनी राजधानी शिमला के मेहली स्थित होम स्टे में रुके तो दूसरे दिन कनलोग में शिफ्ट हो गए। इसके बाद परिवार व दोस्तों के साथ रतनाड़ी के मीना बाग होम स्टे में शिफ्ट हुए। शिमला दौरे का अधिकतर समय उन्होंने वहीं बिताया।
टीडी पालिसी के तहत मिलती है घर के लिए लकड़ी
हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में गांव में रहने वाले लोगों के लिए टिंबर टू राइट होल्डर (टीडी) पालिसी बनाई है। इसके तहत घर बनाने के लिए वनों से लकड़ी दी जाती है। हालांकि इस पालिसी को अंग्रेजों के समय में बनाया था। प्रदेश सरकार ने 2013 में इसे संशोधित कर नई पालिसी बनाई थी। इसके तहत हरे पेड़ नहीं, बल्कि वनों में गिरे पेड़ों की लकड़ी दी जाती है।
क्यों नहीं बनाए जाते पक्के घर
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में अधिकतर मकान लकड़ी के ही बनाए जाते हैं, इसका कारण आत्यधिक ठंड पड़ना है। पक्की ईंटों के मकान ठंड में बहुत ठंडे हो जाते हैं, जबकि लेंटल पर बर्फ के ढेर लग जाने से घर टूटने का खतरा रहता है। इस कारण यहां लकड़ी के स्लेटपोश मकान ही बनाए जाते हैं।