
हेल्थ : सांस लेने में होती है परेशानी तो ये उपचार करेंगे मदद, देखें यहां !
कोरोना महामारी से ऑक्सीजन लेवल कम होना एक बड़ी समस्या बनकर सामने आई। ऐसे में देश के वरिष्ठ डॉक्टरों ने लोगों को इस बीमारी से बचने के लिए प्राणायाम का सुझाव दिया। बॉडी में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए प्रयाग को सबसे बेहतरीन एक्सरसाइज माना जाता है। मगर प्राणायाम के अलावा कुछ और भी ऐसे टेक्निक्स है जो ऑक्सीजन के लेवल को बढ़ाने में कारगर है। आज आपको ऐसे ही कुछ टेक्निक्स के बारे में कुछ जानकारी देंगे।
पर्स्ड-लिप
पर्स्ड-लिप एक्सरसाइज़ को कभी भी कहीं भी किया जा सकता है। यह व्यायाम आपके वायुमार्ग को अधिक समय तक खुला रखता है। इस टेक्निक से आपके फेफड़ों के लिए काम करना आसान हो जाता है। यह व्यायाम उन लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है, जो फिजि़कली कम ऐक्टिव रहते हैं।
इस करने का तरीका:-
इस तकनीक को करने के लिए आदमी को सबसे पहले सीधे बैठना होता है क्योंकि अच्छी मुद्रा स्वस्थ फेफड़ों की गतिविधियों को बढ़ावा देती है।
सांस धीरे-धीरे नाक से लें और कुछ देर के लिए उसे अंदर ही रोक लें। फिर मुंह से सांस को छोड़ें। ऐसा तकरीबन 10-15 बार दोहराएं। बस ध्यान रखें, नाक से सांस ले और मुंह से छोड़ें।
ब्यूटेको ब्रीदिंग टेक्निक
यह टेक्निक सांस लेने का एक तरीका है। वर्ष 1950 के समय में अस्थमा के अटैक और अन्य श्वसन समस्याओं का इलाज करने के लिए इस टेक्निक का आविष्कार हुआ था। इस टेक्निक से आपकी नाक अच्छे तरह से खुल जाती है और आप आरामदायक महसूस करेंगे।
इस टेक्निक को करने का तरीका:-
इस टेक्निक को करने के लिए आदमी को शांत और आरामदायक जगह पर सीधे बैठ कर सांस लेने पर ध्यान देना होगा।
मुंह बंद रखें, फेफड़ों को भरने के लिए धीरे-धीरे नाक से सांस लें। नाक के माध्यम से साँंस छोड़ते हुए, धीरे-धीरे फेफड़ों से हवा को बाहर निकालना, जब तक आप साँंस लेने में मज़बूर महसूस न करें। दिन में दो-तीन या पांच बार इसे दोहराएं।
हमिंग
पेट की मांसपेशियों को काम करने वाली कोई भी गतिविधि फेफड़ों का भी काम करती है। एक गुनगुनाहट भी आपके फेफड़ों की क्षमता को बढ़ा सकती है। यह शरीर के अंदर की खराब हवा को आपके फेफड़ों से बाहर निकालता है ताकि वातावरण की शुद्ध ताज़ी हवा आपके अंदर प्रवेश कर सके।
रिब्स स्ट्रैचिंग
इसे करने का तरीका:-
अपने हाथों को अपने कूल्हों पर रखकर सीधे खड़े हों।धीरे-धीरे सांस अंदर लें, जब तक कि आपका फेफड़ा न भर जाए। अपनी सांस को 20 सेकंड तक रोकें फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ें। अब इसे दोहराएं।