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हरियाणा : विद्यार्थियों के लिए बढ़ा खतरा, कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते जताई जा रही है चिंता

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते राज्य में बड़ी चिंता पैदा हो गई है। प्रदेश में शिक्षक ही स्कूल के बच्‍चों के संकट बन सकते हैं। छठी से बारहवीं तक के स्कूल हरियाणा में खोले जा चुके हैं। अगले हफ्ते से प्राइमरी स्कूलों को खोलने की लिए चर्चा चल रही है।

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्कूलों में बच्चों के लिए कई तरह के व्यवस्था की गई हैं। हरियाणा के शिक्षकों तथा गैर शैक्षणिक कर्मचारियों की वैक्सीनेशन को लेकर लापरवाही विधाथियों पर भारी पड़ सकती है।

सरकारी विद्यालयों में सिर्फ 40% कर्मचारियों ने ही कोविड की वैक्सीन लगवाई है। 15 जिलों में आधे से ज्यादा स्कूल स्टाफ ने वैक्सीन नहीं लगवाई हैं। जिसके कारण बच्चों में कोरोना होने का खतरा बढ़ गया है। प्रदेश सरकार ने इससे चिंतित होकर शिक्षा विभाग को फटकार लगाई हैं। राज्य में 14158 सरकारी विद्यालय हैं। जिनमें कर्मचारियों की कुल संख्या 103886 हैं।

इसमें से केवल 26763 कर्मचारियों ने वैक्सीन की पहली डोज ही ली है। 14790 कर्मचारियों ने दोनों डोज ले ली है। 60% कर्मचारियों के वैक्सीनेशन न कराने पर शिक्षा निदेशक ने नाराजगी दिखाई और को पूरे स्टाफ का वैक्सीनेशन कराने के लिए सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, मौलिक शिक्षा अधिकारियों, प्रधानाचार्यों, जिला परियोजना समन्वयक अधिकारियों तथा खंड शिक्षा अधिकारियों लिखित आदेश दिया हैं।

कई कोशिशों के बाद भी वैक्सीन न लगवाने वाले शिक्षक तथा अन्य कर्मचारियों पर संक्रमण का खतरा मंडराता देख विशेष टीकाकरण अभियान की योजना शिक्षा विभाग द्वारा बनाई गई है। सभी जिलाें उपायुक्तों की अध्यक्षता में वैक्सीनेशन को लेकर एक बैठक होगी जिसमें मुख्य चिकित्सा अधिकारी की उपस्थिति में विशेष टीकाकरण कैंप आयोजिन का शेड्यूल जारी किया जाएगा।

सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि टीकाकरण न कराने वाले कर्मचारियों को टीकाकरण केंद्रों तथा टाइम टेबल की सूचना दी जाए और साप्ताहिक रिपोर्ट मुख्यालय को भेजी जाए।

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