
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने अफसरों को लगाई फटकार, कहा-फाइलें अटकी मिली तो खैर नहीं
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज का अफसरों पर गुस्सा कम नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री तथा उनके बीच अफसरों द्वारा गलतफहमी पैदा करने का खुलासा कर चुके गृहमंत्री अनिल विज ने एक बार फिर अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई है। फाइलें ज्यादा समय तक लटकाए रखने की अधिकारियों की कोशिश पर विज ने सवाल खड़े किए और कहा कि वह हरियाणा सरकार में मंत्री हैं और सभी विभागों का दौरा कर सकते हैं।
गृह मंत्री ने कहा कि अधिकारी अपनी टेबल पर पेंडिंग पड़ी फाइलों को जल्द ही निपटारा करें। विभागीय निरीक्षण के दौरान यदि उन्हें किसी अधिकारी की टेबल या फिर कर्मचारी की केबिन में कोई भी फाइलें पेंडिंग मिली तो उसकी खैर नहीं की जाएगी।अफसरों को विज ने अपनी कार्यशैली का उदाहरण देते हुए कहा कि मैं जब आक्सीजन लगाकर काम कर सकता हूं तो अधिकारी भी कर सकते है।
गृह मंत्री अनिल विज ने अधिकारियों पर लगभग एक रात पहले आरोप लगाया कि वे सीएम खट्टर को खुश करने के लिए उनकी फाइलें रोकी हैं। मुख्यमंत्री को विज ने अपना अच्छा दोस्त बताया है और यह भी कहा कि मेरे और उनके बीच में अधिकारी गलतफहमी पैदा करना चाहते हैं, पर अधिकारी यह भूल गए कि मैं तथा मुख्यमंत्री अच्छे मित्र हैं।
विज का मुख्यमंत्री कार्यालय, स्वास्थ्य विभाग, गृह विभाग तथा शहरी निकाय विभाग के उन अधिकारियों की ओर इशारा था, जो उनके आदेश की फाइलों पर तुरंत एक्शन नहीं लेते।
अनिल विज के यह नाराजगी कई दिनों तक राजनीतिक और प्रशासनिक महकमें में चर्चा का विषय रही। विज ने नगर निगम गुरुग्राम तथा पंचकूला के सेक्टर पांच थाने में छापेमारी की और कई अधिकारियों को सस्पेंड किया। एक बार फिर बुधवार को विज का अफसरों के प्रति नाराजगी जताई। अब विज शहरी निकाय विभाग में किसी भी ऑफिसर और कर्मचारी को डेपुटेशन पर न तो ले रहे हैं और न ही भेज रहे हैं।
शहरी निकाय विभाग के अभी तक जो अधिकारी या कर्मचारी दूसरे विभागों में डेपुटेशन पर गए थे, उन सभी को वापस बुलाने के आदेश जारी हो गए हैं। अंबाला में आइटीआइ के एक अधिकारी को बिना मंत्री की सूचना के आपूर्ति और निपटान विभाग में नियुक्ति पर लाया जा रहा है।
गृह मंत्री अनिल विज ने सभी अधिकारियों से कहा कि सही हो जाएं, वरना हम सही कर देंगे। मुझे उन्हें सही करना आता है। काम से बचने और उन्हें पेंडिंग करने के बहाने मत बनाए। लोगों की सेवा करने की हमने शपथ खा रखी है। कामचोर अधिकारियों के कारण से इसपर कोई असर पड़ा तो मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता।
अधिकारियों को बताना होगा कि किन फाइलों का काम अभी बचा हुआ है। मैं जहां पर जा रहा हूं वहां मुझे शिकायतें मिल रही हैं। अफसरों की टेबल पर फाइल पड़ी मिली हैं। मैं किसी भी दफ्तर में चेकिंग कर सकता हूं, मैं एक मंत्री हूं। अधिकारी अब अपने बारे में सोच लें।