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गुरु नानक जयंती आज, जानिए प्रकाश उत्सव का महत्व और विशेषता….

गुरु नानक देव जी ने कई ऐसी बातें बताई है, जो प्रेम, भक्ति और आपसी भाईचारे का संदेश देती हैं।

कार्तिक पूर्णिमा( kartik purnima)  के दिन 8 नवंबर, मंगलवार यानी आज गुरु नानक देव( guru nanka dev)  जी की जयंती मनाई जा रही है। गुरु नानक देव जी सिखों के पहले गुरु हैं। इस दिन प्रकाश उत्सव का बहुत ही महत्व है। हर साल सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के जन्मोत्सव को गुरु नानक जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह सिख समुदाय के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में तलवंडी,पंजाब में हुआ था। अब यह स्थान पाकिस्तान में है और नानक साहिब के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष 553वीं जयंती समारोह मनाया जाएगा। मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि गुरु नानक देव जी ने सिख समुदाय की स्थापना की थी, इसलिए उन्हें सिखों का पहला गुरु कहा जाता है। गुरु नानक देव जी के विचारों का आज भी लोग पालन करते हैं और अनुसरण भी करते हैं। गुरु नानक देव जी ने कई ऐसी बातें बताई है, जो प्रेम, भक्ति और आपसी भाईचारे का संदेश देती हैं।
प्रकाश उत्सव का महत्व….
कार्तिक पूर्णिमा को ही गुरु नानक देव जी मनाई जाती है। गुरु नानक जयंती से दो दिन पहले 48 घंटों तक गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है। गुरु पर्व से एक दिन पहले, पंज प्यारे (पांच प्यारे) के नेतृत्व में नगर कीर्तन (जुलूस) का आयोजन और नेतृत्व किया जाता है। जुलूस के समय गुरु ग्रंथ साहिब को एक पालकी में रखा जाता है और लोग भजन गाते हुए पालकी को ले जाते हैं। गुरु पर्व के दिन भक्त भजन गाते हैं और कथा का पाठ करते हैं। इसके बाद गुरुद्वारों में लंगर आयोजित किया जाता है। कुछ स्थानों पर रात्रि प्रार्थना सत्र भी आयोजित किए जाते हैं जो सूर्यास्त के आसपास शुरू होते हैं और देर रात तक चलते हैं। इस दिन सभी गुरुद्वारों को आकर्षक तरीके से सजाया जाता है।

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