गुजरात अपने खान-पान के लिए भी है मशहूर, जा रहे हैं घूमने तो इन चीजों का जरूर लें स्वाद !
गुजरती लोगों को खाने के बहुत ही शौकीन होते है और यह होना भी लाजमी है क्योंकि गुजराती खाना होता ही बहुत स्वादिष्ट होता है। आप भी अगर गुजरात घूमने के लिए जाना रहे हैं या जाना चाहते हैं तो गुजरती खाना जरूर खाएं।
भारत के पश्चिमी भाग में स्थित गुजरात में कई पर्यटक स्थलों घूमने के साथ अपने लजीज व्यंजनों की वजह से भी मशहूर है। गुजरात में घूमने के लिए जितनी फेमस जगह हैं, गुजरात उतना ही आपने खानपान के लिए भी प्रसिद्ध है। गुजरती लोगों को खाने के बहुत ही शौकीन होते है और यह होना भी लाजमी है क्योंकि गुजराती खाना होता ही बहुत स्वादिष्ट होता है। आप भी अगर गुजरात घूमने के लिए जाना रहे हैं या जाना चाहते हैं तो गुजरती खाना जरूर खाएं।
ढोकला
गुजराती खाने में सबसे ज्यादा प्रिय व्यंजन ढोकला है। ढोकला गुजरात के साथ ही पूरे देश और दुनिया में सबसे ज्यादा खाने वाला व्यंजन भी है। नाश्ता, लंच या फिर डिनर खाने के शौकीनों के लिए ढोकला खाने का कोई भी समय नहीं होता है।
चावल, चना दाल, अरहर दाल तथा उड़द दाल के पेस्ट से हांडवो बनाया जाता है। इसके ऊपर सफेद तिल की गार्निशिंग की जाती है। हांडवो एक तरह का मीठा और नमकीन केक होता है, इसे भोत ढोकला के जैसे ही बनाया जाता है पर इनके स्वाद में बहुत अंतर होता है।
थेपला
आमतौर पर गुजराती भोजन में थेपला पराठे की तरह होता है इसे मेथी के पत्तों, गेहूं के आटे और जीरा के साथ कई तरीकों से बनाया जाता है। कई तरह की सामानों को थेपला में मिलाकर इसे रोटीया पराठों की तरह बनाया जाता है।
उंधियू
यूनीक फ्लेवर की यह गुजराती डिश होती है। कुछ अलग तरीके से इसे तैयार किया जाता है। मिक्स वेजिटेबल से उंधियू को बनाया जाता है। मिट्टी के बर्तनों में इसे उल्टा करके पकाया जाता है।
बासुंदी
देश में दूध ऐसा एक प्रोडक्ट है। जिससे आधे से ज्यादा मिठाइयां बनाई जाती हैं। बासुंदी एक मीठी डिश होती है इसमें उबला हुआ गाढ़ा दूध इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही कस्टर्ड सेब व अंगूर और भी कई स्वादों में इसे बनाया जाता है। विशेष रूप से बासुंदी को काली चौदस व भौबीज के शुभ अवसरों व त्योहारों पर बनाया जाता है। इसे उत्तर भारत की रबड़ी कहा जाता है।
घुघरा
डीप फ्राई करके कुरकुरे, मीठे और सभी स्ट्रीट-फूड को खाया जाता है। ये बाकी भारतीय डिजर्ट की तरह ही होती है। होली या दिवाली जैसे त्योहारों में पारंपरिक रूप से इसे बनाया जाता है। भारत के अन्य हिस्सों में घुघरा, गुझिया के नाम से पहचाना जाना जाता है।
यह भी पढ़ें: कोरोना की तीसरी लहर पर निर्भर त्योहारी कारोबार, कंज्यूमर गुड्स और गारमेंट की बिक्री में होगी वृद्धि