प्रदेश की महिला उद्यमियों के लिए सरकार की बड़ी सौगात, जानें क्या है पूरा मामला
उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के महिला उद्यमियों को दी बड़ी राहत। अब कताई-बुनाई से जुड़ी महिलाओं को सरकारी सहायता योजना में उनका अंशदान 10 फीसद से घटाकर किया पांच फीसद।
उत्तराखंड। प्रदेश में कोरोना की इस बढ़ती महामारी में सरकार ने उत्तराखंड के महिला उद्यमियों को बड़ी राहत प्रदान की है। अब कताई-बुनाई से जुड़ी महिलाओं को सरकारी सहायता योजना में उनका अंशदान 10 फीसद से घटाकर पांच फीसद कर दिया। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम स्थापना को महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना की अवधि बढाने पर भी सहमति जाहिर कर दी है। मंत्रिमंडल ने इस अवधि को अब 31 मार्च, 2023 तक बढ़ने का फैसला लिया है है। साथ में औद्योगिक प्रतिष्ठानों को भी राहत देते हुए ओवरटाइम कार्य के लिए 90 दिन तक रियायत देने का निर्णय लिया गया है।
कैबिनेट मंत्री व शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि कोरोना की बढ़ती इस महामारी में मंत्रिमंडल ने महिला उद्यमियों को मदद देने का निर्णय लिया है। हथकरघा कताई-बुनाई महिला कर्मकारों की सहायता योजना में चयनित महिलाओं 25 हजार की वित्तीय सहायता दी जाती है। इसमें 90 फीसद राशि उद्योग विभाग और शेष 10 फीसद राशि लाभार्थी खुद वहन करता है। कोरोना काल में इस योजना में महिलाओं का अंशदान 10 फीसद से घटाकर पांच फीसद करने का निर्णय किया गया है। वर्तमान में इस योजना के तहत पांच लाख तक राशि देने की व्यवस्था है।
उत्तराखंड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम नीति 31 मार्च, 2023 तक प्रभावी है। इस नीति के तहत महिला उद्यमियों को राहत देने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजना संचालित की जा रही है। इस योजना की अवधि भी मंत्रिमंडल ने 31 मार्च, 2023 तक बढ़ाने को मंजूरी दी है। इसके तहत महिला उद्यमियों को वाणिज्यिक उत्पादन और अन्य उद्यमों की स्थापना को पूंजी और ब्याज सब्सिडी की व्यवस्था की गई है।
वहीँ कोरोना काल में एंबुलेंस की कमी को पूरा करने के लिए टाटा मोटर्स पंतनगर की मांग पर टाटा मैजिक को एंबुलेंस के रूप में परिवर्तित करने के लिए प्रशिक्षित श्रमिकों की जगह संविदा श्रमिकों के माध्यम से कार्य की अनुमति दी गई है। यह अनुमति नौ महीनों के लिए प्रभावी होगी। इस अवधि में संविदा श्रमिकों को कंपनी की ओर से नियमित कार्मिकों की तरह लाभ दिए जाएंगे। मंत्रिमंडल ने मैसर्स लिंडे सेलाकुई को आक्सीजन उत्पादन को निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए समस्याग्रस्त क्षेत्र में भूमिगत लाइन के निर्माण के लिए अधिप्राप्ति नियमावली में छूट देने पर सहमति दी है।
आपको बता दें की मंत्रिमंडल की इस बैठक में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ अन्य तीन मंत्रियों में सुबोध उनियाल, यशपाल आर्य एवं बिशन सिंह चुफाल वहां मजूद रहे बाकी बचे मंत्रीगण भी इस बैठक में वर्चुअल तरीके से शामिल हुए।