गोवध रोकने के लिए सरकार बनाए केंद्रीय कानून : मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड
लखनऊ : मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड आफ इंडिया ने हाई कोर्ट के गोवध पर दिए ऐतिहासिक फैसले का स्वागत किया है। बोर्ड महासचिव डा.मुईन अहमद ने कहा है कि सरकार को गौ हत्या रोकने के लिए केंद्रीय कानून बनाना चाहिए। गोवध का सुन्नी और सूफी समुदाय ने हमेशा विरोध किया। हिंदू भाइयों और भारतीयों की आस्था का गाय प्रतीक है। धर्म, सहिष्णुता तथा सदभाव का इस्लाम भी प्रतीक है, गौवंश के वध को वह उचित नही मानता है।
इस्लाम ने कभी भी गोमांस को मुसलमानों का भोजन कहा है। वो मानसिक बीमारी है जो किसी धर्म और विचार को चिढ़ाने जैसा करते है। हमारा ऐसे में अनुग्रह है इस्लाम में आस्था रखने वालों को इस मामले में आगे आकर पहल करनी चाहिए।
गोवध को लेकर बहुत से ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने हाई कोर्ट के आदेश को सराहा है। मौलाना ने कहा कि यह फैसला स्वागत करने योग्य है। हिंदू धर्म की आस्था प्रतीक गाय के वध का बाबर ने भी विरोध किया था। इस्लाम में आजादी के पहले गोवध न करने का फतवा जारी हुआ था। इस बात को उच्च न्यायालय ने कहकर हमारी बातों को मजबूती कर दिया है। सरकार को गोवध रोकने तथा उसे राष्ट्रीय पशु घोषित करने की पहल करनी चाहिए।