कारोबार

लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने पेश किया भविष्य में देश का इकॉनमी स्ट्रक्चर

रविवार को 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम मोदी ने देश की इकोनॉमी की मौजूदा उपलब्धियों के बारे में बताया। पीएम ने सरकार का देश की प्रगति को लेकर विजन भी प्रस्तुत किया। पीएम ने कहा कि देश में कोविड के दौरान विदेशी निवेश सबसे अधिक हुआ है। अब तक के उच्चतम स्तर पर विदेशी मुद्रा भंडार भी पहुंच गया।

इस अवसर पर उन्होंने देश की आर्थिक तरक्की का ड्राफ्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि ”हम सब को मिलकर काम करना होगा,नेक्स्ट जनरेशन इंफ्रास्ट्रक्चर ( Next Generation Infrastructure) के लिए हम सब को मिलकर काम करना होगा, वर्ल्ड क्लास मैन्युफैक्चरिंग (World Class Manufacturing) के लिए हम सब को मिलकर काम करना होगा कटिंग एज इनोवेशन (Cutting Edge Innovation) के लिए हम सब को मिलकर काम करना होगा , न्यू एज टेक्नोलॉजी (New Age Technology) के लिए हम सब को मिलकर काम करना होगा।”

देश में कारोबारी माहौल को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि “हमने देखा है, कोरोना के दौरान देश में हजारों नए स्टार्ट-अप्स बने हैं और आज सफलता से काम भी कर रहे हैं। कल के स्टार्ट-अप्स, आज के यूनिकॉर्न (Unicorn) बन रहे हैं। इन स्टार्ट अप्स की मार्केट वैल्यू हजारों करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सभी मैन्यूफैक्चर्स से आह्वान किया कि ” जो उत्पाद आप बाहर भेजते हैं वो उत्पाद जो आपकी कंपनी में बने वह केवल एक उत्पाद नहीं होता। भारत की पहचान और प्रतिष्ठा भी उसके साथ जुड़ी होती है।

भारत के करोड़ों लोगों का उसके साथ विश्वास जुड़ा होता है। आपकी कंपनी का बनाया हुआ प्रत्येक प्रॉडक्ट भारत का ब्रैंड एंबेसेडर होता है। वो प्रॉडक्ट जब तक प्रयोग में लाया जाता रहेगा, उस प्रोडक्ट को खरीदने वाला हर कोई कहेगा – हां ये तो मेड इन इंडिया है।”

पीएम ने कहा कि भारत को विकास के पथ पर आगे बढ़ते हुए अपनी मैन्यूफैक्चरिंग तथा एक्सपोर्ट दोनों को बढ़ाना चाहिए। पीएम ने कहा, ”आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ भारत को इंफ्रास्ट्रक्चर निर्माण में होलिस्टिक अप्रोच अपनाना चाहिए। आने वाले कुछ ही समय में भारत, प्रधानमंत्री गतिशक्ति- नेशनल मास्टर योजना को लॉन्च करने वाला है।”

पीएम मोदी ने ऊर्जा क्षेत्र के महत्व को विकृत करते हुए कहा कि ”भारत की प्रगति के लिए और आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए भारत का एनर्जी इंडिपेंडेंट (Energy Independent) होना ज़रूरी है। भारत को आज ये प्रण लेना होगा कि आजादी के 100 साल होने से पहले हम भारत को एनर्जी इंडिपेंडेंट (Energy Independent) बनाएंगे।”

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