पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी की जमानत अर्ज़ी हुई खारिज, यहां जानें पूरा मामला !
झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के मुख्य सलाहकार सुनील तिवारी पर यौन शोषण के साथ कई आरोप दर्ज है। आज रांची सिविल कोर्ट ने उनकी ज़मानत की याचिका को भी ख़ारिज कर दिया है। यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार सुनील तिवारी के केस को लेकर आज रांची सिविल कोर्ट में सुनवाई हुई। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने सुनील तिवारी पर लगे आरोपों को गंभीर बताया। इसी को मद्देनज़र रखते हुए उनकी ज़मानत की याचिका को भी ख़ारिज कर दिया गया है।
आपको बता दें कि, आज रांची सिविल कोर्ट में सुनील तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका को लेकर सुनवाई थी। सुनवाई के दौरान अदालत के न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की कोर्ट में बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि सुनील पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है। वहीं अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक ने बताया कि सुनील तिवारी पर लगे आरोप काफी गंभीर है। इसको ध्यान में रखते हुए उनकी ज़मानत की अर्ज़ी को ख़ारिज कर देनी चाहिए।
मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी काफ़ी समय से यौन शोषण और दुष्कर्म को लेकर चर्चा में हैं। पिछली सुनवाई के बाद सुनील तिवारी के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया था। जानकारी के अनुसार यौन शोषण को लेकर गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद सुनील तिवारी ने 25 अगस्त को अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी लेकिन आज उसे कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया। आपको बता दें कि सुनील तिवारी के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज है।
यह है पूरा मामला-
सुनील तिवारी के ऊपर यह गंभीर आरोप उनके घर काम करने वाली युवती ने लगाए थे। युवती ने अपने बयान में दुष्कर्म और यौन शोषण जैसे कई गंभीर आरोप लगाए है। युवती ने मामले को अरगोड़ा थाने में दर्ज कराया है। रांची पुलिस, मामले की जांच में लगी हुई है। परिजनों ने भी इस मामले में युवती का साथ दिया जिसके बाद झारखंड हाईकोर्ट में हेवियस कोरपस दायर की गई है। यह मामला रोज़ एक नया मोड़ ले रहा है। मामले की जानकारी क बाद भाजपा के नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात कर विषय पर चर्चा की।