
दिल्ली के अपोलो अस्पताल में पूर्व चीफ जस्टिस रमेश चंद्र लाहोटी का निधन, पीएम मोदी समेत इन राजनेताओं ने जताया शोक
भारत के पूर्व चीफ जस्टिस 81 वर्षीय रमेश चंद्र लाहोटी का बुधवार शाम दिल्ली के अपोलो अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन पर पीएम मोदी समेत तमाम नेताओं ने शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।
लोहाटी के निधन पर पीएम मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जस्टिस लाहोटी के निधन पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि, वंचितों को त्वरित न्याय दिलाने में उनकी अहम भूमिका रही। वह जस्टिस लाहोटी के परिजनों और प्रियजनों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट करते हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जताया दुख
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जस्टिस लाहोटी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। चौहान ने अपने शोक संदेश में कहा कि लाहोटी का निधन देश और प्रदेश की अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि वह मध्यप्रदेश के गौरव थे।
मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने जताया दुख
मध्यप्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने अपने शोक संदेश में कहा कि, लाहोटी ने न्याय व्यवस्था में उच्च आदर्शों को स्थापित किया।
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने जताया दुख
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश के गुना जिले से जुड़े लाहोटी न्यायपालिका क्षेत्र के एक मजबूत स्तंभ थे।
2004 में बने थे भारत के 35वें प्रधान जज
जस्टिस लाहोटी को एक जून 2004 को भारत के 35वें प्रधान न्यायाधीश के तौर पर नियुक्त किया गया था। वह एक नवंबर 2005 को सेवानिवृत्त हुए थे। मध्य प्रदेश के गुना में लाहोटी का जन्म एक नवंबर 1940 को हुआ था। उन्हें अप्रैल 1977 में बार से राज्य उच्च न्यायिक सेवा में सीधे भर्ती करते हुए जिला और सत्र जज के रूप में नियुक्त किया गया था। एक साल इस पद पर रहने के बाद, जज लाहोटी ने मई 1978 में इस्तीफा दे दिया था। और मुख्य रूप से उच्च न्यायालय में वकालत करने के लिए बार में लौट आए थे। उन्हें 3 मई 1988 को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त कर दिया गया। और अगले साल 4 अगस्त को स्थायी न्यायाधीश बना दिया गया। जस्टिस लाहोटी को 7 फरवरी, 1994 को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया और बाद में नौ दिसंबर, 1998 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था।