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जबरन रिटायर आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने आरोप के 23 साल बाद सरकार को लिखा पत्र, जानें मामला….
सन् 1993 से 1999 तक का वर्षवार संपत्ति विवरण शासन को एकमुश्त सन् 1999 में देने का आरोप है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश शासन ने पूर्व आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर के खिलाफ सन् 1999 के एक मामले में अब जाकर जांच अधिकारी एवं प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया है। इस आरोप पत्र में अमिताभ द्वारा आईपीएस की सेवा प्रारंभ करते समय अपनी संपत्ति का ब्यौरा शासन को नहीं देने और सन् 1993 से 1999 तक का वर्षवार संपत्ति विवरण शासन को एकमुश्त सन् 1999 में देने का आरोप है।
इस संबंध में 20 साल बाद 16 अक्टूबर, 2019 को कार्यवाही शुरू हुई। इसी बीच अमिताभ 21 मार्च, 2021 को जबरिया रिटायर कर दिए गए। इसके बाद सरकार ने इस विभागीय कार्यवाही और 13 जुलाई, 2015 को प्रारंभ किए गए एक दूसरे विभागीय कार्यवाही, जिसमें जांच पूरी की जा चुकी थी, को समान पाते हुए 31 अगस्त, 2021 को दोनों कार्यवाही को समायोजित कर दिया।
अब 4 मार्च, 2022 को इस विभागीय कार्यवाही में एडीजी रेणुका मिश्रा को जांच अधिकारी और अप्रैल, 2022 में प्रस्तुतकर्ता अधिकारी नियुक्त किया गया है। अमिताभ ठाकुर ने सरकार को पत्र लिखकर इसे परेशान करने के उद्देश्य से की जा रही कार्यवाही बताते हुए समाप्त करने का अनुरोध किया है।