Lucknow News: KGMU के 20 साल के इतिहास में पहली बार निर्विरोध चुनी गई शिक्षक संघ की पूरी कार्यकारिणी
केजीएमयू शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ. केके सिंह ने दी यह जानकारी
लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के 20 साल के इतिहास में पहली बार शिक्षक संघ की पूरी कार्यकारिणी निर्विरोध चुनी गई। बिना चुनाव आम सभा में पुरानी कार्यकारिणी के सदस्यों पर सभी शिक्षकों ने एक स्वर में मुहर लगाई। अगले दो साल के लिए कार्यकारिणी काम करेगी। यह जानकारी केजीएमयू शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ. केके सिंह ने दी।
डॉ. केके सिंह ने कहा कि संघ शिक्षक व केजीएमयू के हित में काम करेगी। शिक्षकों की आवाज उठाने में संघ पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि केजीएमयू शिक्षकों को रिटायरमेंट के बाद ग्रेचुएटी का लाभ नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि पहले शिक्षकों का रिटायरमेंट 60 साल पर होता था। जिसे बढ़ाकर 62 फिर 65 वर्ष कर दिया गया है। नतीजतन ग्रेचुएटी का लाभ शिक्षकों को नहीं मिल पा रहा है, जबकि कई संस्थान के शिक्षकों को यह लाभ प्रदान किया जा रहा है।
ये शिक्षक निर्विरोध चुने गए
केजीएमयू शिक्षक संघ के अध्यक्ष डज्ञॅ. केके सिंह, महामंत्री डॉ. संतोष कुमार, उपाध्यक्ष मेडिकल के दो पदों पर डॉ. जेडी रावत और डॉ. मनोज कुमार तथा डेंटल के एक पद पर डॉ.पवित्र रस्तोगी काम करते रहेंगे। संयुक्त सचिव मेडिकल के चार पदों पर डॉ. वाणी गुप्ता, डॉ. शिउली, डॉ. शैलेंद्र सिंह और डॉ. पंकज सिंह को तथा संयुक्त सचिव डेंटल पद पर डॉ. कमलेश्वर सिंह अपने पद पर बने रहेंगे। कोषाध्यक्ष के पद पर डॉ. भास्कर अग्रवाल तथा संयुक्त कोषाध्यक्ष मेडिकल के पद पर डॉ. संगीता कुमारी तथा संयुक्त कोषाध्यक्ष डेंटल के पद पर डॉ. अरुणेश कुमार तिवारी काम करेंगे। एडिटर पद पर डॉ. अजय कुमार वर्मा, सचिव-सांस्कृतिक डॉ. अजय कुमार पटवा और सेक्रेटरी-सोशल आउटरीच डॉ. शीतल वर्मा को एक बार फिर मौका दिया गया है।
शिक्षक संघ ने केजीएमयू कार्यपरिषद की वैधानिकता पर सवाल खड़े किए हैं। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि कार्यपरिषद में नियमानुसार सदस्य नहीं है। ऐसा तब है जब केजीएमयू के सभी नीतिगत अहम फैसले कार्यपरिषद पास करती है। पदाधिकारियों का आरोप है कि अधूरी कार्यपरिषद का अहम फैसले लेना अनुचित है। शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. केके सिंह, महामंत्री डॉ. संतोष कुमार और कोषाध्यक्ष डॉ. भाष्कर अग्रवाल ने कहा कि कार्य परिषद में कई साल से निर्वाचित सदस्य नहीं हैं। ऐसे में संघ के कम से कम दो सदस्यों को कार्य परिषद की बैठक में बुलाया जाए।
कार्य परिषद में होने चाहिए 22 सदस्य: डॉ. केके सिंह
डॉ. केके सिंह का कहना है कि केजीएमयू अधिनियम के अनुसार कार्य परिषद में 22 सदस्य होने चाहिए। इसमें कोर्ट से निर्वाचित चार पंजीकृत स्नातक भी शामिल हैं। फिर भी गुजरे पांच साल से कार्य परिषद में निर्वाचित सदस्य नहीं हैं। मौजूदा समय में बामुश्किल 11 सदस्यों को ही कार्य परिषद की सूचना भेजी जाती है। इसमें महज सात-आठ सदस्य ही उपस्थित रहते हैं। आरोप हैं कि ज्यादातर सदस्य विवि के पदाधिकारी होते हैं। ऐसे में कार्य परिषद कुलपति के हिसाब से ही निर्णय करती है। इसलिए संगठन के दो सदस्यों को विशेष सदस्य के रूप में कार्य परिषद में बुलाया जाए।
महामंत्री डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि हाल में दिवंगत हुईं दंत संकाय की डॉ. दिव्या मेहरोत्रा के लिए सभी शिक्षक अपनी एक-एक दिन का तनख्वाह देंगे। इस तरह की दुखद घटनाओं में शिक्षकों की मदद के लिए संघ स्थायी कॉपर्स फंड बनाएगी। इसमें सभी शिक्षक कुछ दिन का वेतन स्वैच्छा से देंगे। यह क्रम करीब पांच साल चलेगा। दुखद घटनाओं में शिक्षक व उनके परिवारीजनों की मदद आसानी से की जा सकेगी।