आंखों की रौशनी बढ़ाने के लिए अपनाएं ये योगासन, मिलेगा फायदा
प्रकृति के द्वारा दिये उपहारों में से एक है इस खूबसूरत दुनिया को देखने की क्षमता। यह दृष्टि ही है जो हमें जीवन की खुशियों का आनंद लेने की अनुमति देती है। इसलिए हमें आंखों की सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय करते रहना चाहिए।
कुछ योग जैसे हलासन, बालासन, पादहस्तासन, शीर्षासन आदि जैसे आसन आंखों के स्वास्थ्य की रक्षा और सुधार करने में मदद करते हैं। त्राटक जैसे योग अभ्यास दृष्टि में सुधार करते हैं, और अंधेपन और कमजोर दृष्टि की संभावना को कम करते हैं। अनुलोम विलोम, कपाल भाति जैसी प्राणायाम तकनीक मोतियाबिंद और ग्लूकोमा जैसे नेत्र रोगों की रोकथाम में मदद कर सकती है।
योग तकनीक
हलासन
पीठ के बल लेट जाएं।
अपने पीठ के निचले हिस्से को ऊपर उठाएं और पैर की उंगलियों को फर्श पर पीछे ले जाएं।
जितना हो सकेछाती को ठुड्डी के करीब लायें।
हथेलियाँ फर्श पर सपाट रखके बाजुओं को मोड़ें और हथेलियों से पीठ को सहारा दें।
बाल बकासन – बेबी क्रेन पोज
अपनी कोहनियों को सपाट नीचे रखें।
उंगलियां आगे की ओर रखें और उन्हें अलग-अलग फैलायें।
इस तरह आगे झुकें और शरीर का भार बाजुओं पर लाएं।
अपना संतुलन बनायें और धीरे-धीरे अपने दोनों पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं।
प्राणायाम तकनीक
भस्त्रिका प्राणायाम
किसी भी आरामदायक योग की मुद्रा में बैठें।
अपनी पीठ को सीधा करें और अपनी आँखें बंद करें।
अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर ऊपर की ओर रखें।
श्वास लेकर फेफड़ों में हवा भरें और फिर पूरी तरह से सांस छोड़ें।
साँस लेना और छोड़ना जारी रखें।
त्राटक ध्यान
त्राटक एक ध्यान तकनीक है जो एकाग्रता और स्मृति का निर्माण करती है और दृष्टि में भी सुधार करती है। इसके लिए आपको किसी विशेष वस्तु जैसे ज्वाला, चंद्रमा और यहां तक कि सूर्य पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता होती है। मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और अन्य संबंधित दृष्टि समस्याओं जैसे नेत्र रोगों को ठीक करने में यह विधि बहुत फायदेमंद है। यह आपकी आंखों की सभी समस्याओं को दूर करता है। अच्छी दृष्टि आपको एक ऐसे जीवन की गारंटी दे सकती है जो अनुभवों में समृद्ध और विशद हो। अच्छी दृष्टि के साथ, आप बेहतर एथलेटिक क्षमता, बेहतर हाथ-आंख समन्वय और बेहतर सीखने का आनंद भी ले सकते हैं। स्वस्थ मस्तिष्क कार्य के लिए, आपको स्वस्थ दृष्टि के समर्थन की आवश्यकता होती है।