लखनऊ आयीं प्रियंका पर एफआईआर दर्ज़, धारा 144 के उल्लंघन का आरोप
प्रियंका ने राज्य सरकार पर यूपी जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनाव पर हिंसा फैलाने का लगाया आरोप
लखनऊ। कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा के शुक्रवार को जीपीओ पर गांधी प्रतिमा के सामने मौन व्रत रखने के मामले में हजरतगंज कोतवाली में पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष सहित सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है।
एसीपी हजरतगंज राघवेंद्र मिश्र ने बताया कि राजधानी में धारा-144 लागू होने के बावजूद कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी प्रियंका वाड्रा ने शुक्रवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सहित सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ जीपीओ में स्थित गांधी प्रतिमा के सामने मौन व्रत रखा था।
गांधी प्रतिमा के सामने धरने के दौरान गांधी प्रतिमा के परिसर का एक पिलर टूट गया था। इसे लेकर हजरतगंत कोतवाली में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं के खिलाफ धारा-144 और कोविड प्रोटोकॉल को फॉलो न करने और सार्वजनिक संपत्ति निवारण अधिनियम के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की है।
डेढ़ साल बाद लखनऊ आयी प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखनऊ के हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर लगभग दो घंटे का मौन व्रत किया था। धरने के दौरान उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और सैंकड़ों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी उनके साथ मौजूद रहे।
धरने के बाद कांग्रेस मुख्यालय पहुंची प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि यूपी सरकार संविधान को नष्ट कर रही है।साथ ही लोकतंत्र का खुलेआम चीर हरण हो रहा है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कोरोना की दूसरी लहर से निपटने में प्रदेश सरकार को पूरी तरह से फेल बताया। प्रियंका ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी कोरोना से निपटने और विकास के मामले में यूपी के सीएम योगी की झूठी तारीफ कर रहे हैं। उन्होंने सरकार पर जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी हिंसा फैलाने का आरोप लगाया।
प्रियंका ने आगे कहा कि यूपी की कानून-व्यवस्था एकदम ध्वस्त हो चुकी है। इसी कारण उन्होंने गांधी प्रतिमा के सामने मौन व्रत रखा। मौन व्रत इसलिए भी रखा कि सभी देशवासियों का ध्यान इस ओर आकर्षित हो सके। प्रियंका ने कहा कि यूपी आए पीएम मोदी ने कोरोना और विकास के फ्रंट पर योगी सरकार के काम को अच्छा बताते हुए उन्हें प्रमाणपत्र दिया है पर यह कैसा अच्छा काम है।
कोरोना की दूसरी लहर के समय पंचायत चुनाव कराए गए। जिससे वहाँ बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए। चुनाव में ड्यूटी करने वाले कितने शिक्षकों की मौत हुई। चुनाव यह सोचकर कराए गए थे कि परिणाम भाजपा के मनमुताबिक आएंगे। पर जब ऐसा नहीं हुआ तो सरकार ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुख के चुनाव में हिंसा फैला दी।
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