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किसान रामलोटन कर रहे कमाल,प्रधानमंत्री मोदी ने बगिया को बताया म्यूजियम
बुंदेलखंड की पथरीली धरती और विपरीत परिस्थितियों के बावजूद ऐसे किसान भी हैं, जो खेती और बागवानी में ही अपनी मेहनत और शोहरत का डंका बजा रहे हैं। ऐसे ही किसानों में से बुंदेलखंड के सतना के किसान रामलोटन कुशवाहा भी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों रविवार को मन की बात में उन्हें सराहा है। PM नरेंद्र मोदी ने उनकी बगिया को म्यूजियम बताते हुए अन्य किसानों से प्रेरणा लेने की अपील की है। बुंदेलखंड में खेती बेहद टेढ़ी खीर है। किसान बदहाल हैं।
अब बुंदेलियों में बदलाव आ रहा है। खेत का पानी खेत में और गांव का पानी गांव में जैसे अभियान शुरू कर दिए गए हैं। मेड़बंदी से खेतों में बारिश का पानी रोका जा रहा है। यूपी के बांदा जिले के अधांव गांव में चल रहे मेड़बंदी अभियान और सतना के किसान रामलोटन कुशवाहा की कोशिशों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सराहा था।
सतना के ऊंचेहरा ब्लॉक अंतर्गत पिथौराबाद गांव में किसान रामलोटन कुशवाहा ने सिर्फ अपने दृढ़ निश्चय और अथक मेहनत से अपने खेत को बगिया में बदल दिया है। यहां गायब हो रही दुर्लभ जड़ी-बूटियों के पौधों के साथ सब्जियां उगा रहे हैं।
रामलोटन कुशवाला के बगीचे में 200 से ज्यादा प्रजातियों के पेड़-पौधेे हैं। इतना ही नहीं रामलोटन इन प्रजातियों के पौधों की संख्या अपनी बगिया में दिन प्रतिदिन बढ़ा भी रहे हैं। इनमें ऐसे औषधीय पौधे भी हैं जो अब विंध्य के पहाड़ों और जंगलों में ढूंढे नहीं मिलते। रामलोटन की यह बगिया दूर-दूर तक मशहूर हो गई है।
बुंदेलखंड की पथरीली धरती पर अद्भुत बगिया तैयार करने का लगन रामलोटन कुशवाहा को वर्ष 2017 में सवार हुआ। जैव विविधता बोर्ड ने उस वर्ष पद्मश्री बाबूलाल दाहिया के नेतृत्व में पांच सदस्यीय दल मध्यप्रदेश के 40 दिनों के भ्रमण को भेजा था।
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इस दल में रामलोटन कुशवाहा भी शामिल थे। भ्रमण के दौरान उन्होंने जड़ी-बूटियों के संरक्षण की बारीकियां और अहमियत समझीं। उसी के बाद अपने कच्चे घर के आसपास म्यूजियम रूपी एक बगिया तैयार की। रामलोटन ने अपनी बगिया में दुर्लभ जड़ी-बूटियों को रोपित किया। जैव विविधता पर शोध और रिसर्च करने वाले आए दिन पिथौराबाद आकर रामलोटन कुशवाहा की बगिया/म्यूजियम अवश्य देखते हैं।