प्रसिद्ध संतूर वादक पंडित भजन सोपोरी का निधन, 74 वर्ष में ली अंतिम सांस
दिल्ली : प्रसिद्ध संतूर वादक पंडित भजन सोपोरी(Bhajan Sopori) का भी आज शाम गुरुग्राम(Gurugram) के अस्पताल में निधन हो गया। वे 74 वर्ष के साथ। उनका जन्म वर्ष 1948 में श्रीनगर में हुआ था। उनका पूरा नाम भजन लाल सोपोरी(Bhajan Lal Sopori) है और इनके पिता पंडित एसएन सोपोरी (SN Sopory)भी एक संतूर वादी थे।
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विरासत में मिली संगीत की शिक्षक
आपको बता दे की भजन सोपोरी के दादा एससी सोपोरी और पिता एसएन सोपोरी से संतूर की विद्या हासिल हुई। कहा जाता है संतूर वादन की शिक्षा उन्हें विरासत में मिली थी। दादा और पिता से इन्हें गायन शैली व वादन शैली में शिक्षा दी गई थी। भजन सोपोरी ने अंग्रेजी साहित्य में मास्टर्स डिग्री हासिल की थी। इसके उपरांत वाशिंगटन विश्वविद्यालय से पश्चिमी शास्त्रीय संगीत का अध्ययन भी किया।
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सोपोरी ने इन रागों की थी रचना
पंडित भजन सोपोरी जी ने तीन रागों की रचना की है। इनमें राग लालेश्वरी, राग पटवंती और राग निर्मल रंजनी है। सोपोरी ने देश में राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के लिए विभिन्न गीतों की फिर से धुनें तैयारी की हैं। इनमें कदम-कदम बढ़ाए जा, सरफरोशी की तमन्ना, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, हम होंगे कामयाब इत्यादि प्रमुख हैं।