यूनिलीवर ने जारी किया बयान, कहा फेयर एंड लवली से फेयर शब्द हटाएगी।
फेयर एंड लवली का बदला जाएगा नाम कंपनी का बड़ा बयान: साल 1975 में बनी कंपनी, “फेयर एंड लवली” शुरुआत से ही महिलाओं को गोरा करने का दावा करती आई है। लेकिन अब कंपनी की तरफ से बयान आया है, कि वो क्रीम से फेयर शब्द का प्रचार नहीं करेगी।
कंपनी ने ट्वीटर पर इस बात का खुलासा किया है, साथ ही यह जानकारी भी दी है कि “हम त्वचा को सुंदर बनाने के लिए उत्पाद बनाते रहे हैं कंपनी ने फैसला किया है कि अब ब्रांड से गोरापन शब्द इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। अब हमने अपने किसी भी प्रचार में Fairness, Lightening, Whitening जैसे शब्दों का इस्तेमाल न करने का फैसला किया है”
भारत के अलावा यह क्रीम बांग्लादेश, इंडोनेशिया, थाईलैंड, पाकिस्तान और अन्य कई देशों में इस क्रीम को बेचा जाता है।
We’re committed to a skin care portfolio that's inclusive of all skin tones, celebrating the diversity of beauty. That’s why we’re removing the words ‘fairness’, ‘whitening’ & ‘lightening’ from products, and changing the Fair & Lovely brand name.https://t.co/W3tHn6dHqE
— Unilever #StaySafe (@Unilever) June 25, 2020
कंपनी का कहना है कि अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस कस्टडी में मौत के बाद से गोरे काले के बीच एक विरोध की चिंगारी ने जन्म ले लिया है। यहां तक कि ब्लैक लाइव मैटर मूवमेंट तक चलाया गया। सेलेब्रिटीज़ भी इसके सपोर्ट में आए हैं।
यूनिलीवर के ब्यूटी एंड पर्सनल केयर डिवीजन के अध्यक्ष सनी जैन ने कहा Fairness, Lightening, Whitening जैसे शब्द एकतरफा परिभाषा को दर्शाते हैं। जिसे सुधारने की जरूरत है। कंपनी अपना दूसरा नाम सभी की मंजूरी से लॉन्च करेगी।
1975 में हिंदुस्तान यूनिलीवर ने फेयर एंड लवली नाम की स्किन गोरा करने वाली क्रीम लॉन्च की थी। देश में गोरेपन की क्रीम के बाजार का 50 से 70 फीसदी हिस्सा फेयर एंड लवली के पास है। फेयर एंड लवली ने पिछले साल 2000 करोड़ क्लब में प्रवेश किया जिससे पता चलता है कि भारत में गोरा करने वाली क्रीम खूब बिकती है।