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12वें विश्व हिंदी सम्मेलन का विदेश मंत्री ने किया उद्घाटन, विद्वानों और लेखकों ने लिया भाग…

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि, पश्चिमीकरण को ही प्रगति का मानक मानने वाला युग पीछे छूट गया है। अब कई ऐसी भाषाएं

नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ‘देनाराउ कनवेंशन सेंटर’ में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर पहुंचे जहां उन्होंने लोकतांत्रिक विश्व व्यवस्था पर चर्चा की।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि, पश्चिमीकरण को ही प्रगति का मानक मानने वाला युग पीछे छूट गया है। अब कई ऐसी भाषाएं-परंपराएं वैश्विक मंच पर उभर रही हैं, जो औपनिवेशिक युग के दौरान दबा दी गई थीं। उन्होंने जोर दिया कि वैश्वीकरण का मतलब एकरूपता से नहीं, बल्कि हमारी दुनिया की विविधता को समझने और स्वीकार करने से है। यही एक लोकतांत्रिक विश्व व्यवस्था का वास्तविक अर्थ भी है।

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बता दें कि, फिजी सरकार और भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से आयोजित इस सम्मेलन में दुनियाभर से हिंदी के करीब 1,200 विद्वानों और लेखकों ने भाग लिया। तीन दिवसीय इस सम्मेलन के उद्घाटन मौके पर फिजी के राष्ट्रपति रातू विलीमे कटोनिवेरी के अलावा भारत के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र और विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन भी मौजूद थे।

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