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कन्या प्रोत्साहन योजना का लाभ ले रहा बिहार का शिक्षा मंत्रालय

बिहार विश्वविद्यालयों में उच्च अध्ययन करने वाली लड़कियों के लिए मुख्यमंत्री कन्या प्रोत्साहन योजना कैसे लागू की जाती है? इस महत्वपूर्ण योजना में 2018 से अब तक लगभग 1 लाख 90 हजार स्नातकों को प्रोत्साहन राशि नहीं दी गई है। इसका मुख्य कारण विश्वविद्यालयों में छात्राओं के आवेदनों का सत्यापन नहीं होना है। शिक्षा विभाग ने छह पत्रों में इस बारे में रजिस्ट्रार को चेतावनी दी है।

विश्वविद्यालय स्तर पर प्रोत्साहन राशि का भुगतान न होने का मुद्दा कई बार स्नातकों द्वारा मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में सार्वजनिक न्यायालय में उठाया गया है। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए प्रोत्साहन राशि के लंबित प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के आदेश दिये थे, लेकिन विश्वविद्यालयों से लंबित आवेदनों का अभी तक सत्यापन नहीं हुआ है। विवि के इस रवैये से शिक्षा विभाग भी परेशान है। 2018 में स्नातक करने वाले छात्रों को 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान था। अब इस राशि को बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है जो 2021-21 से लागू है।

उच्च शिक्षा निदेशालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राज्य में संबद्ध महाविद्यालयों के छात्रों को प्रोत्साहन राशि दी गई है, लेकिन संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के 95 प्रतिशत आवेदन सत्यापन के लिए लंबित हैं। इसलिए छात्रों का भुगतान नहीं हो सका। शिक्षा विभाग ने रजिस्ट्रार को 30 नवंबर तक आवेदनों का सत्यापन करने का निर्देश दिया है, ताकि लाभार्थी दिसंबर में प्रोत्साहन राशि का भुगतान सुनिश्चित कर सकें। प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने के लिए वित्त विभाग द्वारा कुल 200 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। इसके लिए 66 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि आवंटित की गई है। 134 करोड़। प्रोत्साहन राशि बालिकाओं के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी जाएगी।

 

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