तमिलनाडु में भाषा पेरशानी के कारण,आदिवासी महिलाऐं लौटी वापस
मुख्यमंत्री ने श्रम विभाग और नियंत्रण कक्ष को इन महिलाओं को वापस लाने का दिया निर्देश
तमिलनाडु में भाषा संबंधी पेरशानी के कारण, आदिवासी महिलाऐं लौटी वापस। काम करने में मुश्किलें झेल रहीं झारखंड की दस आदिवासी महिलाएं राज्य सरकार की मदद से मंगलवार को अपने गृह जिले पश्चिमी सिंहभूम लौट आईं।
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तमिलनाडु में भाषा पेरशानी के कारण,आदिवासी महिलाऐं लौटी वापस
पश्चिमी सिंहभूम जिले के सुदूर इलाकों की रहने वाली सभी महिलाएं एक कंपनी में काम करने के लिए तिरुपुर गई थीं। झारखंड सरकार के एक बयान में कहा गया है कि आदिवासी महिलाओं ने श्रम विभाग के तहत राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष से मदद मांगी थी।
मामले की जानकारी मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने श्रम विभाग और नियंत्रण कक्ष को इन महिलाओं को वापस लाने का निर्देश दिया। नियंत्रण कक्ष ने कंपनी के मैनेजर से बात की और महिलाओं की वापसी की व्यवस्था की। महिलाओं ने कंपनी में जितने दिनों तक काम किया, उसके लिए उन्हें कुल 90,200 रुपये का वेतन दिया गया।
गौरतलब इस साल जून में दुमका जिले की 36 महिलाओं को भी सोरेन सरकार की मदद से दक्षिणी राज्य से वापस लाया गया था, जो लॉकडाउन के कारण तमिलनाडु में फंसी थीं। साथ ही मई में राज्य सरकार ने पड़ोसी देश नेपाल में कोरोना लॉकडाउन के कारण फंसे राज्य के 26 प्रवासी कामगारों को वापस लाया था। सरकार ने उन्हें नेपाल सीमा से वापस लाने के लिए एक विशेष बस की व्यवस्था की थी।