भारत ने हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी हासिल की, ऐसा करने वाला यह दुनिया का चौथा देश बना
ओडिशा के बालासोर स्थित एपीजे अब्दुक कलाम रेंज में सोमवार सुबह 11:03 पर इसका परीक्षण किया गया था।हाइपरसोनिक मिसाइलें 1 सेकंड में 2 किमी तक वार कर सकती हैं। इनकी रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से 6 गुना ज्यादा तेज गति की रफ्तार को तय कर सकता है दुश्मनों के ठिकानों को आधे घंटे के भीतर निशाना बनाया जा सकता है।
भारत ने हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक के क्षेत्र में लंबी छलांग लगाई है। देश ने सफल एचएसटीडीवी का परीक्षण किया है। ओडिशा के बालासोर स्थित एपीजे अब्दुक कलाम रेंज में सोमवार सुबह 11:03 पर इसका परीक्षण किया गया था। इसे स्क्रैमजेट की सहायता से लॉन्च किया गया। इसके साथ ही भारत अगली पीढ़ी के हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल विकसित करने की तकनीक हासिल करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, रूस और चीन इस तकनीक को तैयार कर चुके है।
Congratulations to @DRDO_India for successful flight of the Hypersonic Test Demonstration Vehicle today. The scramjet engine developed by our scientists helped the flight achieve a speed 6 times the speed of sound! Very few countries have such capability today.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 7, 2020
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एचएसटीडीवी का विकास किया है, जो हाइपरसोनिक प्रणोदक तकनीक पर आधारित है। अधिकारियों ने बताया है कि हाइपरसोनिक मिसाइलें 1 सेकंड में 2 किमी तक वार कर सकती हैं। इनकी रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से 6 गुना ज्यादा तेज गति की रफ्तार को तय कर सकता है। परीक्षण के दौरान इनकी स्पीड दो किलोमीटर प्रति सेकेंड रही और यह 20 सेकेंड तक हवा में रहा। इसकी सहायता से लंबी दूरी तक मार करने वाले मिसाइल सिस्टम विकसित करने के साथ ही अंतरिक्ष में सैटेलाइट भी कम लागत पर लॉन्च किया जा सकता है। इससे दुनिया के किसी भी कोने में दुश्मनों के ठिकानों को आधे घंटे के भीतर निशाना बनाया जा सकता है। हाइपरसोनिक मिसाइलें देश में तैयार की गई स्क्रैमजेट प्रपुल्सन सिस्टम से लैस होंगी।
Successful flight test of Hypersonic Technology Demonstration Vehicle (HSTDV) from Dr. APJ Abdul Kalam Launch Complex at Wheeler Island off the cost of Odisha today. pic.twitter.com/7SstcyLQVo
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 7, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई
रक्षा मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा कि “मैं प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करने और यह उपलब्धि हासिल करने के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान डीआरडीओ की टीम को बधाई देता हूं मैंने इस प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिकों से बात की और उन्हें बधाई दी। भारत को उनपर गर्व है”
I congratulate to DRDO on this landmark achievement towards realising PM’s vision of Atmanirbhar Bharat. I spoke to the scientists associated with the project and congratulated them on this great achievement. India is proud of them.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) September 7, 2020