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“नहीं रद्द होगा डाटा संरक्षण कानून के मसौदा” – अश्विनी वैष्णव

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डाटा संरक्षण कानून के मसौदे पर विभिन्न पहलुओं और सुझावों को लेकर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर विस्तृत बातचीत चल रही है। सरकार को उम्मीद है कि, जटिल मुद्दों का जल्द ही समाधान निकल आएगा और मानसून सत्र में इसे संसद की मंजूरी भी मिल जाएगी।

 

 

डाटा संरक्षण कानून के मसौदे को रद्द करने का नहीं है उद्देश्य

 

 

केन्द्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री के मुताबिक, मौजूदा डाटा संरक्षण कानून के मसौदे को रद्द करने की कोई योजना नहीं है। और इस पर संबंधित पक्षों से मिले सुझावों के आधार पर जटिल मुद्दों का जल्द ही हल निकाला जाएगा। इस मसले पर संसदीय समिति के स्तर पर भी चर्चा हो रही है। इसमें डाटा संरक्षण बिल में नागरिकों के निजी डाटा को सुरक्षित रखने के लिए प्रावधान करने के अलावा डाटा संरक्षण प्राधिकरण के गठन का भी प्रस्ताव शामिल है। इसमें प्रावधान है कि कोई भी कंपनी व्यक्ति की सहमति के बिना उससे जुड़ी निजी जानकारियों का इस्तेमाल नहीं कर सकती है।

 

 

मानसून सत्र में पास होने की पूरी उम्मीद

 

 

बता दें कि, गठित संसद की संयुक्त समिति ने 16 दिसंबर, 2021 को संसद के दोनों सदनों में निजी डाटा संरक्षण विधेयक, 2019 पर अपनी रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार रखे गए  थे। उन्होंने कहा कि बिल को पास कराने का हमने बजट सत्र का ही लक्ष्य रखा था। लेकिन मानसून सत्र तक हमें इसके पूरा होने की उम्मीद है। विधेयक में सरकार को अपनी जांच एजेंसियों को अधिनियम के प्रावधानों से कुछ खास रियायतें देने की बात भी कही गई है। इसका विपक्षी दलों के सदस्यों ने विरोध करते हुए अपनी असहमति भी जताई।

 

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