‘डिजिटल कुंभ म्यूजियम’ होगा श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र, तैयारियां ज़ोरों पर
60 करोड़ की लागत से प्रयागराज में डिजिटल कुंभ म्यूजियम के निर्माण का प्रस्ताव
लखनऊ: महाकुंभ 2025 को पर्यटन विभाग सुविधाओं के साथ-साथ मंदिरों के सौंदर्यीकरण और पर्यटन स्थलों के विकास कार्यों में जुटा हुआ है। पर्यटन विभाग की ओर से डिजिटल कुंभ म्यूजियम का निर्माण भी प्रस्तावित है। 60 करोड़ की लागत से बनने वाला यह डिजिटल म्यूजियम श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र होगा। डिजिटल म्यूजियम में देश और प्रदेश की संस्कृति के अलावा महाकुंभ के पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के भी दर्शन हो सकेंगे। प्रस्ताव को मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुत किया जा चुका है।
विभिन्न सुविधाओं से लैस होगा म्यूजियम
प्रस्ताव के अनुसार, डिजिटल कुंभ म्यूजियम लोगों को आधुनिक महाकुंभ की अनुभूति देगा। यह डिजिटल कुंभ म्यूजियम हीटिंग वेंटीलेशन एंड एयरकंडीशनिंग व ऑडियो-वीडियो रूम की फैसिलिटी से लैस होगा। इसमें विभिन्न आध्यात्मिक दर्शन वाली गैलरी भी होंगी, जिनमें स्पिरिचुएल व कुंभ मेला, इंटरप्रेटेशन गैलरी, समुद्र मंथन गैलरी और अखाड़ा गैलरी शामिल है। इस म्यूजियम में फूड प्लाजा और सॉवेनियर शॉप जैसी फैसिलिटी भी दी जाएगी, ताकि यहां आने वाले लोग महाकुंभ से संबंधित साहित्य और उत्पादों की खरीदारी कर सकें। इसके अलावा कल्चरल हाट (अक्षयवट), म्यूजियम, गैलरी व थिएटर (अमृत कलश) के साथ ही गेस्ट हाउस जैसी सुविधाएं भी होंगी।
डिजिटल प्रोजेक्शन का किया जाएगा इस्तेमाल
डिजिटल कुंभ म्यूजियम के एंट्रेंस लॉबी में डिजिटल प्रोजेक्शन के जरिए संगम को दर्शाया जाएगा। इसमें तीन नदियों (गंगा, यमुना और सरस्वती) को तीन अलग रंगों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा, जो एनिमेटेड फ्रैकटल ज्योमेट्री आधार पर होगा। इसके अलावा स्टेटिक ग्राफ़िक का भी प्रयोग होगा। इसके बाद इंटरप्रिटेशन गैलरी में प्रयागराज के इंटरैक्टिव मैप को बड़ी स्क्रीन पर प्रेजेंट किया जाएगा, जिसे टच के माध्यम से एक्सप्लोर किया जा सकेगा। यहां प्रयागराज के इतिहास के साथ ही आधुनिक शहर के बारे में भी बताया जाएगा। वहीं समुद्र मंथन गैलरी में फ्लोर प्रोजेक्शन के माध्यम से समुद्र मंथन को प्रेजेंट किया जाएगा। अखाड़ा गैलरी में देश मे अखाड़ा कल्चर को दिखाया जाएगा। इसमें शंकराचार्य से संबंधित इंटरैक्टिव वाल होगी, जिसमे उनकी यात्रा का वर्णन होगा। टेम्पोरल सिटी में वीडियो वाल, त्रिवेणी संगम में फ्लोर, वाल और सीलिंग तीनों का सम्मिश्रण होगा।