
डिजिटल इंडिया और कोरोनावायरस
Digital India scheme : कोरोना वायरस महामारी ने भारत देश में बहुत तबाही मचाई है। लेकिन इस महामारी के दौर में भी लोगों को असुविधा का सामना ना करना पड़े इसके लिए सरकार की कई योजनाएं लांच की गई। भारत सरकार ने अन्न के वितरण के लिए भी और लोगों की मदद के लिए भी बहुत सारी योजनाएं शुरू की। पुराने समय में तो इन योजनाओं की जानकारी अखबार या फिर दूसरे साधनों में आ जाती थी। लेकिन जहां एक और इस महामारी ने हर तरफ कोहराम मचा रखा था वहीं दूसरी ओर आदमी का घर से बाहर निकलना भी दूभर हो गया था।
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घर पर रहकर ही इन योजनाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करना किसी के लिए कोई बड़ी बात नहीं थी। अगर हम गौर करें तो यह सब मुमकिन हो पाया है तो डिजिटल इंडिया (Digital India) के अन्तर्गत डिजिटलाइजेशन ( Digitalization) की वजह से। भारत की सरकार ने भारत में डिजिटलाइजेशन शुरू करके लोगों को डिजिटली सुदृढ़ और साक्षर बनाया है। आज इस लेख में हम आपको कोरोना वायरस के दौरान डिजिटलाइजेशन का क्या महत्व रहा इसी के बारे में बताएंगे।
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क्या है डिजिटलाइजेशन?
डिजिटलीकरण या फिर डिजिटलाइजेशन ( Digitalization) में भौतिक स्वरूप में जानकारी को डिजिटल रूप में परिवर्तित करना शामिल है। डिजिटलीकरण के साथ, हस्तलिखित लेख को डिजिटल कॉपी में बदलना संभव है ,इसी के साथ इसका सामान्य उपयोग दोनों व्यावसायिक वातावरण के साथ-साथ दैनिक जीवन में भी है। एक चिकित्सा केंद्र में, कंप्यूटिंग डिवाइसों में रोगियों की सभी जानकारी को फाइलों में रखने के बजाय स्टोर करना संभव है,इसके अलावा, बैंक एक ऐप पर बैंक स्टेटमेंट भेज सकते हैं, रेलवे की टिकट बुक कर सकते हैं ,आदि। यह सब तो डिजिटलाइजेशन के मात्र कुछ ही कार्य है।
आज के जमाने में इंटरनेट की मदद से हर कोई अपने मनपसंद कार्य को संभव बना सकता है और साथ ही साथ दुनिया भर में चल रही सारी खबरों को भी जान सकता है। जहां पहले खबरें जाने के लिए हम लोगों को अखबारों पर आश्रित रहना पड़ता था वहीं अब हर किसी के हाथ में ही उनका अखबार आ गया है।डिजिटलीकरण में मोबाइल फोन मे इंटरनेट में सबसे ज्यादा मदद की है। डिजिटलीकरण को और बढ़ावा देने के लिए भारत की सरकार ने डिजिटल इंडिया जैसे अभियान की भी शुरुआत की।
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क्या है डिजिटल इंडिया अभियान?
डिजिटल इंडिया (Digital India) की भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज बनने के लिए किया गया है ।डिजिटल योजना की शुरुआत 1 जुलाई 2015 यानी की 6 वर्ष पहले शुरू हुई थी। डिजिटल इंडिया (Digital India) भारत सरकार की एक पहल है जिसके तहत सरकारी विभागों को देश की जनता से इंटरनेट के माध्यम से जोड़ा गया है। देश में हर सरकारी विभाग के बारे में जनता को नहीं पता होता है ।ऐसा इसलिए क्योंकि कई बार ऐसा होता है कि यह सरकारी विभागों का सारा क्रियान्वयन पेपर पर होता है।
इसी वजह से इन सभी चीजों को इंटरनेट पर उपलब्ध करवाया गया है। भारत में हो रहे कई कामों को डिजिटली करना यानी कि उनकी वेबसाइट बनाना या फिर उनको कंप्यूटर पर स्टोर करना ही इसका एकमात्र उद्देश्य है। इसी के साथ लोगों को डिजिटल तौर पर साक्षर बनाना भी इसका प्रमुख उद्देश्य है।
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महामारी के दौरान डिजिटलाइजेशन का काम
भारत देश में डिजिटलीकरण वैसे तो पहले से ही शुरू हो गया था लेकिन ध्यान दें तो मुख्य तौर पर इसका उपयोग साल 2020 में महामारी के आने के बाद सभी को पता चला। भारत की सरकार ने इससे पहले ही कई तरीकों से अपनी कई योजनाओं का डिजिटलीकरण कर दिया था। लेकिन अब यह योजनाएं हर इंसान तक पहुंच गई है और अगर यह संभव हो पाया है तो सिर्फ डिजिटलीकरण की वजह से।
पूरे देश भर में डिजिटल इंडिया के अंतर्गत बहुत ही अच्छी चीजें हैं जिनको किताबों और पन्नों से हटाकर अब इंटरनेट पर लाया गया। खास तौर पर महामारी के दौरान डिजिटल इंडिया की वजह से लोगों को घर पर बैठकर ही अपने सारे कामों को संपन्न करने का तरीका मिला।
डिजिटलाइजेशन से महामारी के दौरान मिले फायदे
डिजिटल इंडिया की मदद से भारत को महामारी के दौरान काफी फायदा हुआ है। इसके कुछ कार्य और फायदे इस प्रकार है:
- ऑनलाइन पढ़ाई से नही रुकी शिक्षा की रफ्तार:
महामारी के इस दौर में बच्चों की पढ़ाई भी रुक सी गई थी। सोचिए अगर यह महामारी उस वक्त आई होती जब हमारे देश में ऑनलाइन पढ़ाई का कोई चलन नहीं था। यदि ऐसा हुआ होता तो बच्चों की पढ़ाई तो रूकती ही साथ ही देश की गति भी और धीमी हो जाती। शिक्षा बच्चों के लिए एक बहुत ही आवश्यक चीज है जिससे कि वह आगे जाकर अपने सपनों को पूरा कर पाते हैं।
महामारी के वक्त में भले ही स्कूल कॉलेज बंद हो गए हो लेकिन पढ़ाई अभी भी चालू है। ऑनलाइन पढ़ाई की माध्यम से बच्चे रोजाना अपने शिक्षकों से जुड़ पाते हैं और साथ ही साथ अपनी पढ़ाई को भी आगे बढ़ा पा रहे हैं। यही नहीं इसी के साथ ऑनलाइन एग्जाम्स भी हो रहे हैं जिसकी वजह से बच्चों का समय-समय पर टेस्ट भी लिया जा सकता है।
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- बिना छुए ही हुआ पैसे का लेन देन:
पैसा हम लोगों के जीवन की एक बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी है। किसी भी वस्तु के लेनदेन के लिए रुपए होना आवश्यक है। कोरोनावायरस महामारी के दौर में लोगों के लिए रुपयों का लेनदेन करना महामारी को बढ़ावा देने जैसा था। एक दूसरे को रुपए देने से महामारी भी बढ़ सकती थी।
इस चीज के लिए भारतीय पहले से ही तैयार थे क्योंकि हाल ही में हुई नोटबंदी की वजह से ज्यादा से ज्यादा लोगों को कैशलेस इंडिया के बारे में पता चला। इसकी मदद से लोग लेन देन कर सकते है वह भी सीधा अपने बैंक अकाउंट की मदद से। लेन-देन का यह तरीका सुचारू रूप से चल रहा है और साथ ही लोगों को एक दूसरे से दूरी बनाए रखने में भी मदद कर रहा है।
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- सब तक पहुंची योजनाओं की जानकारी:
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ऐसी कई योजनाएं हैं जिनके बारे में पुराने जमाने में लोग नहीं जान पाते थे और यही वजह थी कि वह इन योजनाओं का फायदा भी नहीं उठा पाते थे। आज के जमाने में जब यह सभी योजनाएं और इनकी जानकारी डिजीटली उपलब्ध है तो हर कोई इनका फायदा उठा सकता है। पुराने समय में यह सभी योजनाएं कागज पर लिखित होती थी और अखबारों या टीवी पर आया करती थी। देश भर में हर किसी के पास अखबार या टेलीविजन नहीं होता था जिसकी वजह से हर किसी को इसकी जानकारी नहीं हो पाती थी लेकिन आज के दौर में अलग चलन है। आज के दौर में हर किसी के पास मोबाइल फोन है जिस पर सारी जानकारी उपलब्ध है। इससे लोगों के पास अधिक जानकारी है और वे इन योजनाओं का फायदा उठाने में भी सक्षम है।
दूसरी ओर महामारी के दौरान भारत की सरकार ने कई ऐसी योजनाएं बनाएं जिससे कि इस कठिन दौर में भी लोगों की मदद की जा सके।नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन ( National Digital Health Mission), प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (Pradhanmantri Gareeb Kalyan Yojana) ,प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Pradhanmantri Gareeb Kalyan Ann Yojana), मनोदर्पण अभियान ( Manodarpan Mission) , स्वानिधि योजना (SVAnidhi Yojana) ,आदि ऐसी योजनाएं हैं खासतौर पर महामारी के दौरान शुरू की गई। इन सभी योजनाओं का डिजिटलीकरण भी किया गया ।
4.वर्क फ्रॉम होम से चलता रहा काम:
महामारी के दौरान लोगों की आवाजाही रुक गई लेकिन वर्क फ्रॉम होम के मैं कंसेप्ट की वजह से लोगों का काम नहीं रुका। इसकी मदद से लोग घर पर भी बैठ कर अपने काम को अंजाम दे सकने में सक्षम है।
यही वजह है कि भारत देश में अभी भी कई लोग घर से ही काम कर रहे हैं और मुनाफा भी कमा कमा रहे हैं चाहे वह सरकारी नौकरी कर रहे हो या फिर अपना खुद का व्यापार चला रहे हो।
- आरोग्य सेतु ऐप से मिली महामारी की जानकारी:
महामारी के दौरान गांव गांव और शहर शहर तक इसकी जानकारी पहुंचाना सरकार के लिए बहुत ही आवश्यक था। इसी वजह से सरकार ने आरोग्य सेतु की शुरुआत की। इस ऐप की मदद से लोगों को महामारी के बारे में पूरी जानकारी मिलती रही। यही नहीं इसी के साथ लोगों को यह जानकारी भी दी गई कि किस प्रकार वह इस महामारी से बच सकते हैं और साथ ही साथ उन्हें अपने आसपास महामारी के आंकड़ों के बारे में भी बताया गया।
- डॉक्टरों से ऑनलाइन बात हुई संभव:
महामारी के दौरान जहां भारत के सभी अस्पतालों में मरीजों का तांता लग गया था वहीं दूसरी ओर कई ऐसे लोग थे जो कि और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं लेकिन उन्हें अस्पताल में जगह नहीं मिल रही थी। इसी वजह से कई डॉक्टरों ने अपने मरीजों को ऑनलाइन देखना शुरू किया। इससे अपने मरीजों का ध्यान रख पाने में भी और लोगों को असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा।
- घर बैठे ही मिला योजनाओं का लाभ:
सरकार की जितनी भी योजनाएं थी उनके लिए अब लोगों को पंजीकरण करवाने के लिए किसी कैफे में जाने की आवश्यकता नहीं थी। डिजिटलीकरण की वजह से आप लोग घर बैठे ही खुद ही मोबाइल से अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
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8.वैक्सीन के लिए हुआ घर बैठे रजिस्ट्रेशन:
महामारी के दौरान लोगों के लिए वैक्सीनेशन एक नई उम्मीद थी। किसी को भी असुविधा का सामना ना करना पड़े इसके लिए सरकार ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को शुरू किया। इसकी मदद से लोग वैक्सीनेशन के लिए अपना पंजीकरण करवाने के साथ ही साथ अब घर बैठे ही अपना स्लॉट भी बुक कर सकते हैं।
- घर बैठे ही एलपीजी की डिलीवरी:
पहले भारतीयों को गैस सिलेंडर के लिए गैस स्टेशन पर लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था लेकिन डिजिटलाइजेशन के बाद अब घर बैठे ही वह एलपीजी के लिए आवेदन कर सकते हैं। यही नहीं लोगों को एलपीजी की सुविधा घर बैठे ही मिल जाती है।
डिजिटलीकरण और डिजिटल इंडिया के यह सब सिर्फ कुछ ही फायदे हैं। फिलहाल इसकी मदद से लोगों को काफी फायदा पहुंचा है लेकिन अभी भी सरकार की कुछ ऐसी वेबसाइट है जिन पर सही से जानकारी नहीं मिलती है। इसी के साथ कुछ ऐसी वेबसाइट और ऐप है जो सही से काम भी नहीं करते। उदाहरण के तौर पर आरोग्य सेतु ऐप जो कि सरकार के द्वारा शुरू किया गया खासतौर पर कोरोना वायरस महामारी का पता लगाने के लिए शुरू किया गया था। लेकिन लोगों ने कई बार इसको लेकर शिकायतें भी दर्ज की है क्योंकि उनको इस ऐप में जानकारी नहीं मिल पा रही थी। बहरहाल डिजिटलीकरण ने सभी को अत्यधिक फायदा पहुंचाया है लेकिन सरकार का अभी भी इन चीजों पर काम करना आवश्यक है।