
टोक्यो ओलंपिक के सेमी फाइनल में हारने के बावजूद लवलीना ने रचा इतिहास
टोक्यो ओलंपिक 2020 : बुधवार को महिला मुक्केबाज़ी के 64-69 किग्रा भारवर्ग के सेमीफाइनल में तुर्की की मुक्केबाज़ बुसेनाज सुरमेनेली से हारने के बावजूद, 23 वर्षीय लवलीना बोर्गोहिन ओलंपिक पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला मुक्केबाज़ बन गई हैं।
गौरतलब है कि 2020 में प्रतिष्ठित अर्जुन अवार्ड से पुरस्कृत लवलीना ने 2018 इंडिया ओपन में स्वर्ण पदक जीता। उसके बाद उसी वर्ष राष्ट्रमंडल खेलों के लिए उनका चयन हुआ। 2019 में उन्होंने रुस में आयोजित विश्व चैंपियनशिप का कांस्य पदक भी अपने नाम किया।
आपको बता दें कि टोक्यो खेलों के लिए लवलीना की तैयारी पिछले साल उस समय प्रभावित हुई जब प्रशिक्षण के लिए इटली जाने से ठीक पहले वह कोविड-19 से संक्रमित हो गईं। लेकिन उन्होंने ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करके अपने प्रतिद्वंद्वियों के लिए कड़ी चुनौती पेश की।
टोक्यो में, लवलीना ने 1/16 के राउंड में जर्मनी की नादिन एपेट्ज़ को एक करीबी मुकाबले में हराया। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने चीनी ताइपे की चेन निएन-चिन पर बेहतरीन जीत दर्ज की। सेमीफाइनल में वह भले ही 2019 विश्व चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता सुरमेनेली से हार गईं, लेकिन ओलंपिक में कांस्य पदक जीत कर देश का मान बढ़ाया
फ़िलहाल भारत के खाते में तीन मैडल है। तीनो मैडल महिलाओं द्वारा ही प्राप्त किये गए हैं। साइखोम मीराबाई चानू ने टोक्यो ओलंपिक 2020 के पहले ही दिन में भारत का पहला मेडल अपने नाम किया। उन्होंने 202 किलोग्राम वजन उठा कर ये करनामाना कर दिखाया था। वेइटलिफटंग में मैडल लाने वाली वो दूसरी भारतीय महिला बनी।
दूसरा मैडल भारत के नाम किया PV सिंधु ने। उन्होंने कांस्य पदक जीत कर भारत की पदक टैली को बढ़ा कर 2 किया। सिंधु ने पिछले बार हुए रियो ओलंपिक में भी रजत पदक जीता था। ओलंपिक में दो मैडल जीतने वाली वो पहली भारतीय महिला बनी।
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