लोकतांत्रिक जनता दल का राष्ट्रीय जनता दल में आपस होगा विलय
शरद यादव ने अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल में विलय कर दिया। गौरतलब है कि, भाजपा के साथ गठबंधन करने पर मई 2018 में नीतीश कुमार से अलग राह पकड़ने वाले शरद यादव अब तेजस्वी यादव के पथ प्रदर्शक की भूमिका में नजर आएंगे।
शरद और तेजस्वी का तालमेल करेगा कमाल
जाहिर है चारा घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव लंबे समय से जेल में हैं। ऐसे में उनकी अनुपस्थिति में शरद यादव के राजनीतिक अनुभव के साथ तेजस्वी का तेज दिमाग कमाल करेगा। हो सकता है कि, आरजेडी उन्हें राज्यसभा भेज दे। इस विलय से दोनों ही पार्टियों लाभ होगा। जहां एक तरफ शरद यादव के राजनीतिक जीवन को एक नई ऊर्जा मिलेगी। तो वहीं ये शरद यादव के 2024 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अहम हो सकता है। और वो गैर-भाजपाई राजनीतिक दलों को इकट्ठा करने में भी अहम भूमिका निभा सकते हैं।
बिहार की राजनीति में दिया अहम योगदान
74 वर्षीय अब तक सात बार लोकसभा और 3 बार राज्यसभा पहुंच चुके हैं। इसके अलावा कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। बिहार की राजनीति की बात करें तो अपने लंबे राजनीतिक जीवन में शरद पवार पिछड़ों-दलितों की आवाज बनकर उभरे। गैर-भाजपाई दलों को इकट्ठा करने में अहम भूमिका निभाने वाले शरद ने भारतीय राजनीति में हर मोड पर अपनी उपयोगिता साबित की है। वहीं बदले राजनीतिक माहौल में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजय रथ को रोकना मुश्किल हो रहा है। विपक्षियों का तमाम रणनीति बनाने पर मंथन जारी है। ऐसे में शरद यादव विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। दरअसल बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बाद भी तेजस्वी यादव को जीत हासिल नहीं हुई थी। उस समय आरजेडी के पास एक राजनीतिक अनुभवी नेता की कमी साफ महसूस की गई थी। वहीं अब शरद पवार एक बेहतर मार्गदर्शक बन सकते हैं।