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दिल्ली हाईकोर्ट ने वैक्सीनेशन पर जताई शंका, दिसंबर तक नहीं पूरा हो पाएगा मिशन

जस्टिस विपिन संघी और जसमीत सिंह की डिविजन बेंच ने कहा, "भगवान जाने हमने ये वैक्सिनेशन का जो 31 दिसंबर का जो टारगेट रखा है उसे हम प्राप्त भी कर पाएंगे की नहीं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का टारगेट है कि वह साल के अंत तक सभी देशवासियों को कोरोना वैक्सीन लगा सके, लेकिन अब लग रहा है कि ऐसा होना संभव नहीं हें क्योंकि अभी तक लाखों लोगों को वैक्सीनेशन नहीं हुआ है। बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी यह कह दिया कि 31 दिसंबर तक देश की वयस्क आबादी के कोविड वैक्सिनेशन के टारगेट को पाना असंभव है। भारत की पूरी वयस्क आबादी 94 करोड़ है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश में तीन अगस्त शाम सात बजे तक वैक्सीन की 48,41,81,676 डोज दी गई है, जिसमें से 37,70,98,591 लोगों को पहली डोज दी गई है जबकि 10,70,83,085 लोगों को दोनों डोज दी जा चुकी है। खबरों के मुताबिक,  कोर्ट ने कहा कि देश में वैक्सिनेशन की रफ्तार धीमी है।

ऐसे में तय समय में अपने इस टारगेट को प्राप्त करना संभव नहीं लगता है। कोर्ट ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि अगर हमें इस लक्ष्य को प्राप्त करना है तो उसके लिए रोजाना 90 लाख लोगों को वैक्सीन की डोज देनी होगी जबकि हमारे पास इसके लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं उपलब्ध नहीं हैं। जस्टिस विपिन संघी और जसमीत सिंह की डिविजन बेंच ने कहा, “भगवान जाने हमने ये वैक्सिनेशन का जो 31 दिसंबर का जो टारगेट रखा है उसे हम प्राप्त भी कर पाएंगे की नहीं।

कल ही प्रेस में एक रिपोर्ट आई थी कि इस टारगेट को तय समय में पूरा करने के लिए हमें रोजाना 90 लाख लोगों को वैक्सीन की डोज देनी होगी। हम ये कैसे कर पाएंगे? जबकि हमारे पास इसके लिए पर्याप्त स्वास्थ्य ढांचा भी उपलब्ध नहीं है। हमारे पास उस तरह की वैक्सीनेशन पॉलिसी भी नहीं है। इसलिए ये तो तय है कि हम 31 दिसंबर तक ये टारगेट नहीं पूरा कर पाएंगे।”

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